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..और गुरुजी ने संभाल ली जिदगी की बागडोर

सोनभद्र गुरु शिक्षा के मंदिर से लेकर बाहर तक शिक्षा संस्कार देता है। हर किसी को इस लायक बनाता है कि वह सत्कर्मों पर चलें अच्छा आचरण करे दूसरों का सहयोग करे और मुसीबत में आमजन के काम आए। समाज को बेहतर बनाने के लिए बेहतर इंसान गढ़ने की जिम्मेदारी एक शिक्षक पर ही होती है। उन्हीं शिक्षकों ने इस वैश्विक महामारी में स्वयं दूसरों का सहयोग करने और जन-जन की भूख मिटाने के लिए ठाना है। विभाग के शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक और अधिकारी मिलकर अब तक ढाई हजार से अधिक राशन किट बांट चुके हैं। आगे करीब एक हजार और किट बांटने का लक्ष्य है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 05:23 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 09:43 PM (IST)
..और गुरुजी ने संभाल ली जिदगी की बागडोर
..और गुरुजी ने संभाल ली जिदगी की बागडोर

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : गुरु शिक्षा के मंदिर से लेकर बाहर तक शिक्षा, संस्कार देता है। हर किसी को इस लायक बनाता है कि वह सत्कर्मों पर चलें, अच्छा आचरण करे, दूसरों का सहयोग करे और मुसीबत में आमजन के काम आए। समाज को बेहतर बनाने के लिए बेहतर इंसान गढ़ने की जिम्मेदारी एक शिक्षक पर ही होती है। उन्हीं शिक्षकों ने इस वैश्विक महामारी में स्वयं दूसरों का सहयोग करने और जन-जन की भूख मिटाने के लिए ठाना है। विभाग के शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और अधिकारी मिलकर अब तक ढाई हजार से अधिक राशन किट बांट चुके हैं। आगे करीब एक हजार और किट बांटने का लक्ष्य है।

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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि जब कोरोना वायरस के बारे में जानकारी हुई तभी कुछ शिक्षकों ने सहयोग के लिए हाथ बढ़ाया। दो चार दिन तक पहले सामान्य तरीके से लोगों का सहयोग किया गया। लेकिन जब लॉकडाउन लगा तो अन्य शिक्षकों ने भी फोन के माध्यम से सहायता देने की इच्छा जतायी। फिर क्या हर ब्लाक के बीआरसी को सहायता की सामग्री एकत्रित करने की जिम्मेदारी देते हुए सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों से इच्छा के अनुसार सहयोग करने की अपील की गई। दो-चार लोगों ने जब इस अपील पर सामग्री दी तो कांरवा बनने लगा। देखते ही देखते 2542 शिक्षकों ने राहत सामग्री दे दी। एक राशन किट में पांच किलो चावल, एक किलो दाल, पांच किलो आटा, एक किलो नमक, 50 ग्राम हल्दी, 50 ग्राम मसाला, दो किलो आलू, 50 ग्राम मिर्च, 500 एमल सरसों का तेल और एक माचिस दी जा रही है। उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति भूखे न रहने पाए। अभी तक घोरावल, राब‌र्ट्सगंज, चतरा, नगवां, म्योरपुर ब्लाकों से सर्वाधिक किट तैयार हुआ है। बाकी ब्लाक के प्रयास भी बेहतर हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ, यूटा, अटेवा, शिक्षामित्र संघ, अनुदेश संघ, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ भी सराहनीय योगदान दे रहा है।


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