यज्ञशाला के परिक्रमा से नष्ट हो जाते हैं सभी पाप
ग्राम चंदुआर-घरसड़ी स्थित मोहन ब्रम्ह बाबा (पहाड़ी) के प्रांगण में आयोजित श्रीराम चरित मानस महायज्ञ में परिक्रमा करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।
जासं, अनपरा/बीना : चंदुआर स्थित मोहन ब्रह्मबाबा (पहाड़ी) पर चल रहे श्रीरामचरित मानस महायज्ञ में परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। यज्ञाचार्यों ने बताया कि यज्ञशाला ब्रह्मांड का प्रतीक है। यज्ञ नारायण की परिक्रमा से मनुष्य को जीवन में ऐश्वर्य, ख्याति तथा यश की प्राप्ति होती है। यज्ञ परिक्रमा में एक-एक पद की यात्रा से समस्त पापों का नाश हो जाता है। शास्त्रों में भी वर्णित है कि मनुष्य के जन्म जन्मांतर के सभी पाप यज्ञशाला की मात्र परिक्रमा से नष्ट हो जाते हैं। संपूर्ण तीर्थों को करने से प्राप्त होने वाला फल भगवान यज्ञ नारायण के प्रदक्षिणा मात्र से ही प्राप्त हो जाता है। कहा कि इसमें तमाम देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए मंडप की परिक्रमा करने से ही ब्रह्मांड की परिक्रमा का फल प्राप्त हो जाता है। यज्ञ में प्रतिदिन कथावाचक विभा उपाध्याय द्वारा रामचरित मानस के प्रसंगों को बड़े ही मनोरम ढ़ंग से प्रस्तुत किया जा रहा है। जिसे सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। यज्ञ को सफल बनाने में विनोद दुबे, गो¨वद मिश्रा, दिनेश दुबे, श्याम सुंदर दुबे, राजू तिवारी, संतोष दुबे पूर्ण मनोयोग से लगे हुए हैं।