समय से एंबुलेंस न पहुंचने पर ग्रामीण की मौत
गुरुवार को डायरिया से ग्रस्त रेणुकापार के खाड़र के श्यामलाल(40 वर्ष) की हालत खराब होने पर सरकारी एम्बुलेंस को फोन लगाया गया।लेकिन एम्बुलेंस ने आने से इनकार कर दिया । उचित साधन नही मिलने के कारण कुछ घंटे बाद श्यामलाल की मौत हो गयी । बीते रविवार को रेणुका पार के दुर्गम सेमरतर में बुखार और डायरिया से तड़प रहे चार वर्षीय रिकू को अस्पताल तक ले जाने का कोई साधन नही था।उसके पिता राजबली ने सरकारी एम्बुलेंस को फोन कि
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : रेणुकापार के दर्जनों गांवों में एंबुलेंस के नहीं पहुंचने के कारण कई मरीजों की मौत असमय हो रही है। इसमें ताजा मामला गुरुवार का है। डायरिया से पीड़ित रेणुकापार के खाड़र के श्यामलाल (40) सरकारी एम्बुलेंस चालक के आने से इनकार करने के कुछ घंटे बाद मौत हो गई।
वहीं बीते रविवार को रेणुका पार के दुर्गम सेमरतर में बुखार और डायरिया से तड़प रहे चार वर्षीय रिकू को अस्पताल तक ले जाने का कोई साधन नहीं था। उसके पिता राजबली ने सरकारी एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन, एम्बुलेंस ने आने से इनकार कर दिया। किसी तरह साइकिल सहित अन्य साधनों से वे अपने बच्चे को 70 किमी दूर जिला चिकित्सालय ले जाने का अथक प्रयास किया लेकिन, मंजिल पर पहुंचने से पहले ही मौत ने दस्तक दे दी। परम्परानुसार वर्तमान में रेणुका पार के क्षेत्रों में सरकारी एम्बुलेंस सेवा के पहिये कई हिस्सों के लिए रुक गए हैं। आजादी के सातवें दशक में भी दर्जनों टोलों तक एम्बुलेंस पहुंचाने में नाकाम रहे जिला प्रशासन की वजह से जानलेवा स्थिति है। पिछले वर्ष मानसून सत्र में ही एम्बुलेंस सेवा के समय से नही पहुंचने के कारण दर्जन भर ग्रामीणों की मौत हो गई थी। ऐसे में 40 से ज्यादा टोलों तक एम्बुलेंस के नहीं पहुंच पाने के कारण आपातकालीन मरीजों के लिए संकट की स्थिति है। अभी तक 11 मरीजों की मौत
रेणुकापार के आदिवासी अंचल में चालू मानसून सत्र के दौरान विभिन्न बीमारियों से दर्जन भर मरीजों की मौत हो गई है । बीते 24 घंटे में जहां दो ग्रामीणों की मौत हो गयी है वहीं भारी संख्या में ग्रामीण गंभीर बीमारियों की चपेट में हैं । गुरुवार को खाड़र के श्यामलाल पुत्र रामशाह (40) की डायरिया से, बुधवार को सेमरतर के एक वर्षीय राहुल पुत्र कमलेश की बुखार से मौत हो गयी। पिछले एक माह में ही खाड़र के सूबेदार पुत्र दसलाल (50), सेमरतर के लकेश्वर (45), खड़री के रामसिंह (40), खाड़र के श्याम पुत्र बुधइ (38), छत्ताडांड की गुड्डी अगरिया (15), फफराकुंड के राम बरन की पत्नी, राम सिंह (25), कररी के राम जातां के पुत्र, बभनमरी के विजय (18) की मौत हो चुकी है । सड़कों की खराबी ने बढ़ाई चिता
रेणुकापार के 40 से ज्यादा टोलों तक जाने वाले मार्गों की खस्ता हालत के कारण सरकारी एम्बुलेंस संचालक उन टोलों में जाने से इनकार कर दे रहे हैं। मानसून के कारण दर्जनों सड़कें काफी क्षतिग्रस्त हैं। कई सड़कें तो कई वर्षों से खराब पड़ी हुयी हैं लेकिन, इनकी मरम्मत को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह निरंकुश बना हुआ है । कई टोलों तक सरकारी एम्बुलेंस एवं डायल 100 सेवा का पहुंचना असंभव हो गया है। फफराकुंड रेलवे स्टेशन के पास चलाकी नाले की वजह से सबसे ज्यादा समस्या सामने आ रही है। वर्तमान में पनारी ग्राम पंचायत के पल्सो, धनबह्वा, कर्री, जुर्रा, खाड़र, खैराही, चौरिह्वा, सेमरतर, डगहरा, कर्मसार, बकिया, भोडार सहित दो दर्जन से ज्यादा टोलों तक एम्बुलेंस को आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं। सड़कों की खराबी की वजह से जुगैल, बैरपुर, परसोई, कनहरा आदि ग्राम पंचायतों के दो दर्जन से ज्यादा टोलों तक चार पहिया वाहनों का पहुंचना नामुनकिन हो गया है।