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ओवरलोडिग पर रोक के लिए 24 घंटे निगरानी

बढ़ते ओवरलोडिग की शिकायतों को देखते हुए वाराणसी परिक्षेत्र में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाई है ।ओवरलोडिग पर प्रभावी रोक के लिए 24 घंटे निगरानी की रणनीति बनायीं गयी है ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 09:47 PM (IST)
ओवरलोडिग पर रोक के लिए 24 घंटे निगरानी
ओवरलोडिग पर रोक के लिए 24 घंटे निगरानी

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : बढ़ते ओवरलोडिग की शिकायतों को देखते हुए वाराणसी परिक्षेत्र में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाई है। ओवरलोडिग पर प्रभावी रोक के लिए 24 घंटे निगरानी की रणनीति बनायी गई है। इसके लिए प्रवर्तन अधिकारियों को चिह्नित स्थानों पर ड्यूटी लगाई गई है। एक सप्ताह तक तमाम जगहों पर वृहद चेकिग की योजना है। ओवरलोडिग के लिए चर्चित रहे सोनभद्र में दो अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। ज्यादातर गिट्टी और बालू में ही ओवरलोडिग की शिकायत रही है। सोनभद्र से गिट्टी और बालू ज्यादातर चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, मऊ और भदोही आदि जनपदों में जाती है, लिहाजा इस सभी जनपदों में 14 सितंबर तक विशेष अभियान चलेगा। कुल 15 जगहों को चिह्नित कर प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इस संबंध में एआरटीओ पीएस राय ने बताया कि अभियान चलाया जा रहा है। ओवरलोडिग पहले से काफी कम है। फिर भी नजर रखी जा रही है। ओवरलोडिग रोकना है चुनौती

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पिछले कई वर्षों से ओवरलोडिग को लेकर सैकड़ों बार कड़ाई की जाती रही है लेकिन ओवरलोडिग को खत्म नही किया जा सका है। उप परिवहन आयुक्त द्वारा चिह्नित किए गए स्थानों पर पूर्व में भी चेकिग की जाती रही है। ऐसे में अभियान के बाद भी ओवरलोडिग पूर्णत: बंद रहे यह चुनौती रहेगी। गत दो वर्षों के दौरान सोनभद्र के खनन क्षेत्रों में बंदी जैसी हालत के कारण मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ से गिट्टी और बालू की आमद में कई सौ गुने की बढ़ोत्तरी हुई है। इन दोनों प्रदेश से आने वाले भारी वाहनों में जमकर ओवरलोडिग रहती है। इन वाहनों के सोनभद्र में आने के आधा दर्जन से भी कम मार्ग है। इसके बावजूद प्रशासन कभी ओवरलोडिग को पूरी तरह बंद नही करा पाया। पिछले एक वर्ष के दौरान भरहरी-चोपन मार्ग से ही लाखों गिट्टी और बालू लदे वाहन गुजरे होंगे। जनपद में आने वाले ज्यादातर वाहन एकमात्र वाराणसी शक्तिनगर मार्ग का ही प्रयोग करते रहे हैं। उसके बावजूद इस मार्ग पर धड़ल्ले से ओवरलोडिग वाहन आवागमन करते हैं। सप्ताह भर चलने वाले अभियान से संभावना है कि इसपर प्रभावी रोक लग सके।


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