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बोरे व जगह के अभाव में 11 केंद्रों पर धान खरीद बंद

जागरण संवाददाता सोनभद्र धान खरीद की व्यवस्था मुकम्मल करते हुए हर किसान की उपज को समर्थन

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 05:55 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 05:55 PM (IST)
बोरे व जगह के अभाव में 11 केंद्रों पर धान खरीद बंद
बोरे व जगह के अभाव में 11 केंद्रों पर धान खरीद बंद

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : धान खरीद की व्यवस्था मुकम्मल करते हुए हर किसान की उपज को समर्थन मूल्य पर खरीद कराने और 72 घंटे के भीतर उनका भुगतान कराने का दावा खोखला साबित हो रहा है। अभी आधी खरीद भी नहीं हुई कि धीरे-धीरे खरीद केंद्रों पर खरीद बंद होने लगी है। साधन सहकारी समिति के चालीस केंद्रों में से 11 में खरीद बंद हो गई है। इसका कारण कहीं बोरे की कमी तो कहीं स्थान का अभाव है। ऐसे में सहायक निबंधक सहकारिता ने पीसीएफ के जिला प्रबंधक को नोटिस भेजा है। कहा है कि खरीद तत्काल शुरू कराई जाए, अन्यथा किसानों में आक्रोश है।

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जिले में कुल एक लाख 15 हजार टन धान खरीद लक्ष्य में से साधन सहकारी समितियों के जरिए खरीद करने का लक्ष्य 28 हजार 500 टन का निर्धारित किया गया। इसके लिए चालीस क्रय केंद्र भी बनाए गए। खरीद किसी तरह से शुरू तो हो गई, लेकिन अब खरीद दम तोड़ने लगी है। सहकारिता विभाग के सूत्रों की मानें तो जुगैल, कोरियांव और बकौली में कुछ खरीद होने के बाद खरीद बंद हो गई। यहां बुधवार को खरीद नहीं होने का मामला प्रकाश में आया। इसी तरह डोहरी में भी खरीद शून्य रही। नई बाजार, कुरछा और कोन में जगह की कमी के कारण सचिवों ने धान खरीदना बंद कर दिया है। बहुआर, कोटा और आरंगपानी में तो बोरा ही नहीं है। ऐसे में यहां बुधवार को खरीद नहीं हुई। मारकुंडी में भी भी खरीद नहीं होने की जानकारी हुई। धान खरीद बंद होने के कारण इन इलाकों के किसान औने-पौने दाम पर अपनी उपज बेचने को विवश हैं। उठान और भुगतान की स्थिति भी ठीक नहीं

सहकारी समितियों के जरिए होने वाली खरीद के बाद क्रय केंद्रों से उठान और किसानों को भुगतान की स्थिति भी ठीक नहीं है। यहां लक्ष्य के सापेक्ष 1959 किसानों से 9820.26 टन की खरीद की गई है। इसमें से धान का उठान महज 5038.080 टन की हुई है। यानी करीब चालीस फीसद से अधिक उठान बाकी है। इतने धान का मूल्य करीब 18 करोड़ 34 लाख 42 हजार में से 12 करोड़ 64 लाख से अधिक का भुगतान लंबित है। धान खरीद की गति तेज करने के लिए प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है। जहां खरीद शून्य मिली उनके सचिवों से बात की गई। पीसीएफ के जिला प्रबंधक को भी बोरा उपलब्ध कराने, लंबित भुगतान को करने, क्रय केंद्रों से उठान कराने के लिए कहा गया है।

- टीएन सिंह, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक, सहकारिता


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