अपने मूल विद्यालय पर जाएंगे जिले के 1193 शिक्षामित्र
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पहले ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्ति निकली। इंटर पास युवाओं व युवतियों ने आवेदन किया और शिक्षामित्र पद की नौकरी लग गई।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पहले ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्ति निकली। इंटर पास युवाओं व युवतियों ने आवेदन किया और शिक्षामित्र पद की नौकरी लग गई। बाद में इन्हें समायोजित करके सहायक अध्यापक का ग्रेड दे दिया गया। इसके बाद उन्हें उनके मूल विद्यालय से हटाकर दूसरे विद्यालय में तैनाती दे दी गई। इसी बीच पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन को अवैध करार देते हुए समायोजन रद करने का आदेश पारित कर दिया। उस आदेश पर सरकार ने एक अगस्त 2017 को सभी बीएसए को आदेश जारी कर समायोजन रद कर दिया लेकिन शिक्षामित्र उसी विद्यालय पर तैनात रह गये थे। समायोजन रद्द होने के बाद से शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय पर आने की मांग कर रहे थे। अब सरकार ने इस पर सहमति जता दिया है। जिले में इसका लाभ 1193 शिक्षामित्रों को मिलेगा।
जिले के 1825 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए वर्ष 2001 से लेकर 2010 तक विभिन्न चरणों में कुल 2328 शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई है। नियुक्ति के समय मानदेय काफी कम था। धीरे-धीरे जब इनकी संख्या बढ़ी तो यूनियन बना और शुरू हो गया सहायक अध्यापक बनाने के लिए आंदोलन। अंतत: तत्कालीन प्रदेश सरकार ने अगस्त 2014 में शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाना शुरू कर दिया। पहले चरण में जिले के 583 और दूसरे चरण में 610 शिक्षामित्र सहायक अध्यापक बने। सहायक अध्यापक का ग्रेड मिलते ही इन्हें गृह ब्लाक से हटाकर दूरदराज के स्कूलों में तैनात कर दिया गया। लेकिन जब समायोजन रद हुआ तो इन्हें मूल विद्यालय पर नहीं लाया गया। इससे कम पैसे में दूर-दराज के इलाके में रहना इनके लिए समस्या खड़ी हो गई। अब सरकार ने जब मूल विद्यालय पर भेजने का फैसला लिया है तो इसका लाभ इन शिक्षामित्रों को मिलेगा।
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हमारे संगठन की काफी दिनों से मांग थी कि जो अपने मूल विद्यालय पर जाना चाह रहे हैं उन्हें जाने दिया जाए क्योंकि मानदेय महज दस हजार रुपये ही मिलता है। तैनाती घर से 50-60 किमी दूर है। ऐसे में वहां रहना और अन्य इंतजाम करना, आना-जाना इसमें काफी खर्च लगता है। अगर मूल विद्यालय पर तैनाती हो जाएगी तो शिक्षामित्रों की समस्या कुछ हद तक हल हो जाएगी। सरकार ने जो फैसला लिया है वह सराहनीय है।
- वकील अहमद खान, जिलाध्यक्ष- आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन-सोनभद्र।
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बोले अधिकारी..
अभी तक हमें मीडिया के माध्यम से ही पता चला है कि शिक्षामित्रों को मूल विद्यालय भेजा जाएगा। कोई आदेश शासनस्तर से नहीं मिला है। अगर मिलेगा तो उस आदेश के अनुसार कार्य किया जाएगा।
- डा. गोरखनाथ पटेल, बीएसए-सोनभद्र।