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नौकरी के लिए युवाओं ने सर्दी में बहाया पसीना

डायट में परिषदीय स्कूलों के शिक्षक पद के लिए हुई काउंसिलिग

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 11:00 PM (IST)
नौकरी के लिए युवाओं ने सर्दी में बहाया पसीना
नौकरी के लिए युवाओं ने सर्दी में बहाया पसीना

सीतापुर: बुधवार का दिन भले ही सर्द था, लेकिन डायट का माहौल गर्म था। यहां परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के चयन के लिए 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 36590 चयनित अभ्यर्थियों में से जनपद में 2014 की तीन दिवसीय काउंसिलिग शुरू हुई। काउंसिलिग के पहले दिन 73.21 से 68.46 मेरिट गुणांक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। युवा नौकरी पाने के लिए पसीना बहाते नजर आए। गेट से काउंटर तक युवक युवतियों की लंबी कतारें नजर आ रहीं थीं। कोई काउंसिलिग कराने के लिए लाइन में लगा था, तो कोई थकान मिटाता नजर आ रहा था। वहीं कुछ लोग अपने प्रपत्रों को सही करने में लगे हुए थे। अभ्यर्थी कागजों को दुरुस्त करने के दौरान कमियों को पूरा करने में लगे हुए थे, जो किसी कारण से फोटो नहीं ला पाए थे वे गेट पर दुकानों में फोटो खिचा रहे थे। कोई अपने कागजों की छायाप्रति तो कोई स्टांप, डाक टिकट को पूरा करने में दौड़ लगाते नजर आ रहा था। कुल मिलाकर सुबह 9 बजे से शाम पांच बजे तक जब तक काउंसिलिग प्रक्रिया चली तब तक परिसर में गहमागहमी रही। हालांकि विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने पहले दिन की प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करा लिया। काउंसिलिग के दौरान बीएसए अजीत कुमार सहित सभी खंड शिक्षा अधिकारी, कर्मचारी व शिक्षक मौजूद रहे।

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गेट पर हुई थर्मल स्क्रीनिग

डायट गेट पर ही अभ्यर्थियों की थर्मल स्क्रीनिग हुई। हैंड सैनेटाइज कराए गए। उसके बाद ही परिसर में प्रवेश दिया गया। हालांकि यह कोविड बचाव की रस्म केवल गेट तक ही सीमित रही जबकि परिसर में इसका कहीं पालन नहीं हो रहा था। परिसर में सभी अभ्यर्थी आपस में एक दूसरे से सटे बैठे हुए थे। वहीं लाइन में भी खड़े होने के दौरान शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा था।

15 काउंटर बनाए गए थे

काउंसिलिंग के लिए परिसर में 15 काउंटर बनाए गए थे, जिनमें 14 पर काउंसिलिग हुई। एक काउंटर पूछताछ के लिए बनाया गया था। प्रत्येक काउंटर पर बीईओ, कर्मचारी व शिक्षक मौजूद रहे। अभ्यर्थी अपने निर्धारित काउंटर पर पहुंचे। यहां प्रपत्रों को जमा कर जांच कराई।

खुशी मिली इतनी कि मन में न समाए

'बहुत इंतजार के बाद यह खुशी मिली है। आज मेहनत सफल होते दिख रही है। यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया है'।

प्रियंका शुक्ला

'शिक्षिका बनने का सपना पूरा हो रहा है। यह जानकर बहुत खुश हूं। मेरे परिवार के सदस्यों को भी इस दिन का इंतजार था। यह खुशी परिवार के सदस्यों के आशीर्वाद का परिणाम है'।

अंशुल पांडेय

'यहां तक पहुंचने में काफी संघर्ष करना पड़ा। पूर्व में काउंसिलिग हुई लेकिन रोक लग गई। अब एकबार फिर से मौका मिला है। यह सतत प्रयास का परिणाम है'।

अनुश्री 'आज जो मुकाम मिला है उसमें मेरी मेहनत जरूर है, लेकिन माता पिता, गुरुजनों के आशीर्वाद से सफल हो सका है। मैं अपनी सफलता का श्रेय उन्ही को देता हूं'।

आलोक अवस्थी


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