आखिरी दिन और बजट खपाने की कसरत
अंतिम दिन विभागों में दिखा जल्दबाजी का नजारा
सीतापुर : लॉकडाउन में सरकारी विभाग के कर्मचारी अवशेष बजट को लॉक करने की कसरत करते नजर आए। बजट को खपाने का काम जोर-शोर से किया जा रहा था। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन भी कई विभागों के खाते में करोड़ों रुपये बचे हैं। विभागों के बजट खपाने के काम में कोषागार के कर्मचारी भी रात दिन एक किए हुए हैं।
कोषागार के कर्मचारी कार्यालय खुलने के निर्धारित समय से पहले ही आ गए थे और देर रात तक काम करते में जुटे रहे। यही हाल विकास भवन स्थित कार्यालयों के कर्मचारियों का था। डीपीआरओ इंद्र नारायण सिंह, डीपीओ राजकपूर व समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार काम में जुटे थे। इन विभागों के कार्यालयों में कर्मचारी बजट के गुणा-भाग में उलझे दिखे।
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के समापन में कुछ घंटे का समय ही बचा था। इस बार बजट खपाने के काम पर कोरोना वायरस ने भी प्रभाव डाला है। वरिष्ठ कोषाधिकारी जान्हवी मोहन का कहना है कि विभागों से बिल आ रहे हैं। कर्मचारी दिन रात काम कर रहे हैं। 30 मार्च तक कृषि, बेसिक शिक्षा, सिचाई, स्वास्थ्य आदि कई विभागों के खाते में अधिक धनराशि अवशेष थी।
30 मार्च तक इनके खाते में बचा था इतना धन
- समाज कल्याण (अनुसूचित जातियों का कल्याण) के खाते में छह करोड़ रुपये अवशेष थे।
- महिला एवं बाल कल्याण विभाग के पास 14 करोड़ रुपये थे।
- न्याय विभाग के खाते में तीन करोड़ रुपये बचे हुए थे।
- 3.87 करोड़ रुपये कृषि विभाग के खाते में अवशेष थे।
- प्राथमिक शिक्षा विभाग के खाते में अवशेष धनराशि का आंकड़ा 90 करोड़ के बताया गया।