पानी घटा लेकिन, फसलें डूबीं और भोजन की चिता
गोबरहिया नदी पुल के पास रोका कटान बाढ़ कम होने पर बनेगा पक्का स्लोप। तीन दिन में बाढ़ क्षेत्रों के क्षतिग्रस्त मार्गों का आकलन कर मरम्मत को बनाएंगे स्टीमेट।
सीतापुर : लहरपुर से तंबौर मार्ग पर गोबरहिया नदी पुल के कटान को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी अभियंता ने बोरियों में मिट्टी भरकर लगवाया है। भारी वाहनों का आवागमन शुरू करा दिया है। प्रांतीय खंड अधिशासी अभियंता मलखान सिंह ने बताया, पानी कम होने पर पुल के पास पक्का स्लोप बनाया जाएगा। साथ बेहटा, सकरन, रेउसा, रामपुर मथुरा बाढ़ क्षेत्र में क्षतिग्रस्त मार्गों का आकलन कर मरम्मत कराई जाएगी। दूसरी तरफ अधिशासी अभियंता शारदा कैनाल विशाल पोरवाल ने बताया, नदियों में अब पानी कम हो गया है। तटवर्ती गांवों से पानी खिसक गया है। अब करीब 50-60 गांवों में बाढ़ का पानी बचा है। हालात सामान्य हो रहे हैं। बहराइच-बिसवां मार्ग पर भी यातायात बहाल हो गया है।
रेउसा : ग्वारी, अमलोरा, मूरतपुर, रघु पुरवा, कोड़री, खानपुर गांव में बाढ़ का पानी चल रहा है। फसलें डूबी हैं। रतनगंज से लेकर रामपुर मथुरा तक बाढ़ ही बाढ़ है। गोलोक कोड़र गांव के संतोष यादव, निर्मल दास, दिनेश कुमार, विजय नाथ, विनोद, लल्लू राम, विजय, राम यादव, मुन्नालाल ने बताया, उनके पास खाद्य सामग्री नहीं रह गई है। प्रशासन की तरफ से उन्हें राहत भी नहीं मिली है। महमूदाबाद : चौका-केवानी नदी के पानी का फैलाव बढ़ रहा है। महमूदाबाद-रेउसा मुख्य मार्ग के दोनों ओर सड़क तल के बराबर पानी का बहाव है। कई गांव टापू बने हैं। अंगेथुवा, सुरखूपुरवा, पासिनपुरवा, तुरनी व गोड़ैचा में खेतों व घरों में बाढ़ का पानी भर गया है। गोड़ैचा-सदरपुर-बिसवां मुख्य मार्ग पर बाढ़ का पानी बह रहा है। आवागमन प्रभावित है। सदरपुर से पोखराकलां मार्ग, पोखराकलां से देबियापुर मार्ग पर कई स्थानों पर पानी भरा है। पोखराकलां के नवनिर्मित पीएचसी में पानी भरा है।
जिदगी बचाने की जंग :
पानी खेतों में भर जाने से फसलें डूबी हैं। खेत में कटी पड़ी धान की फसल पानी में नष्ट हो रही है। श्यामसुंदर, रघुनंदन आदि ने बताया कि खेतों में फसल डूब चुकी है। अब जो कुछ बचा है, उसी को निकाल रहे हैं।
बाढ़ राहत शिविरों में इंतजाम नहीं :
किशोरगंज व अमलोरा के बाढ़ राहत शिविर में असुविधाएं हैं। इन राहत शिविरों में पीड़ितों के ठहरने की सुविधाएं नहीं हैं। मेउड़ी छोलहा, जटपुरवा, किशोरगंज, ताहपुर के नरेश, उत्तम कुमार, अरविद, बैजनाथ, हरिहर प्रसाद, जोगिदर, मुन्ना, लाले, सुमिरन यादव ने बताया, शिविर में तीन तखत हैं। एक कमरा है। शिविरों में निरीक्षण के लिए जब कोई अधिकारी आता है तो लेखपाल कुछ ग्रामीणों को बुलाकर वहां पर बैठाते हैं।
लहरपुर : मतुआ चौराहे से पहले बाढ़ राहत कैंप लगाया गया है। इसमें पीड़ित परिवारों को भोजन पैकेट बांटे जा रहे हैं।