पिसावां के हदीरा में बुखार से दम तोड़ रहे ग्रामीण
सात दिन में छह लोगों की मौत 30 से ज्यादा बीमार। जांच में जुटी है स्वास्थ्य टीम। बनी है 34 गांवों की सूची।
सीतापुर : हदीरा गांव में बीते सात दिनों में बुखार पीड़ित छह लोगों की मौैत हो चुकी है। इनमें मलेरिया से एक व्यक्ति पीड़ित था। गांव में 30 से ज्यादा लोग बीमार हैं। कई परिवार ऐसे हैं, जहां घर के सभी सदस्य बुखार की चपेट में हैं। बुखार से हो रही मौतों की जानकारी के बाद जागा स्वास्थ्य प्रशासन ग्रामीणों की जांच कराने में जुटा है। मंगलवार को सीएचसी की स्वास्थ्य टीम ने गांव जाकर लोगों की जांच की और दवा वितरित की।
सीएचसी अधीक्षक पिसावां डा. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि बुखार की से सूचना मिलते ही हदीरा गांव में स्वास्थ्य टीम भेजी गई थी। 31 बुखार पीडितों की जांच में सात मलेरिया पीड़ित मिले थे। बुखार से दो लोगों के मरने की सूचना मिली, चार लोगों की स्वाभाविक मौत हुई है। गांव में स्वास्थ्य टीम भेजी जा रही है। जांच व दवा वितरण किया जा रहा है।
छह सितंबर की जांच में मिले थे सात मलेरिया पीड़ित :
हदीरा गांव में बुखार के प्रकोप की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम छह सितंबर को गांव पहुंची थी। इसी क्रम में 31 ग्रामीणों की जांच में सात लोग मलेरिया पीड़ित मिले थे। टीम ने ग्रामीणों को दवा भी दी थी। वहीं, आठ सितंबर को बुखार पीड़ित 38 वर्षीय वीरेश की मौत हो गई। मलेरिया पीड़ित 65 वर्षीय नंदलाल की मौत नौ सितंबर को हो गई। जांच में नंदलाल को मलेरिया की पुष्टि हुई थी। रामरती, विवेक, महारानी व उनके पोते विकास की मौत भी बुखार की चपेट में आने से हुई।
दी गई दवा, 20 लोगों की बनी स्लाइड :
तेज बुखार से दादी-पोते की मौत के बाद स्वास्थ्य टीम मंगलवार को फिर गांव पहुंची। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी आनंद यादव, अशोक, मनीष, अरूण शुक्ला ने बुखार पीडित 20 लोगों की स्लाइड बनाई। मलेरिया व बुखार की दवा वितरित की।
बुखार पीडित हैं ये लोग :
हदीरा गांव के जयकरन, पटवारी, सुनेना, टीकाराम, आरती, केसनू, ज्ञान प्रकाश, रेखा, सरिता व विवेक बुखार की चपेट में हैं। जय सिंह, राकेश, संजय, ओटन, रूची व प्रदीप को भी बुखार की शिकायत है।
चिह्नित किए गए हैं 34 गांव :
पिसावां इलाके के बुखार पीड़ित 34 गांवों को चिह्नित किया गया है। इन गांवों में कई ग्रामीण बुखार की चपेट में हैं। चिह्नित गांवों में हरनी, चिरौहला, ढखिया, भकुरहा, प्रेमपुर, ढपरापुर, कुतुआपुर व फुकहा आदि शामिल हैं। पचैनापुर के हर घर में बुखार पीड़ित : करीब 80 घर वाले पचैनापुर गांव के प्रत्येक घर में बुखार पीड़ित हैं। स्वास्थ्य टीम ने भले ही दो दिन गांव पहुंचकर जांच व दवाई दी है, लेकिन ग्रामीणों को राहत अब तक नहीं मिली। एक पखवाड़े में गांव के छह लोगों की मौत बुखार से हुई है। वहीं, 70 से अधिक लोग अभी बुखार की चपेट में हैं। गांव में गंदगी की भरमार है।
ग्रामीणों के मुताबिक बुखार से गांव में छह मौतें हुई हैं। पम्मी, रामू, सुलोचना, मुन्नी देवी, इंद्रजीत व राकेश की पत्नी की मौत बुखार की वजह से हुई है। बुखार की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम दो दिन गांव आई और 95 लोगों की जांच की। जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई है।
सुनील कुमार को कई दिन से बुखार आ रहा है। दवा ले रहे हैं, लेकिन फायदा नहीं हुआ। राजेंद्र को भी तीन दिन से बुखार है। हरीश व उनके दो पोते अजय और अनमोल भी बुखार की चपेट में हैं। वहीं, रामदेवी, बेचेलाल, लवकुश, रामपाल, सोनू, राजेंद्र आदि भी बुखार की चपेट में हैं।
ग्रामीण खुद भी कर रहे दवा का छिड़काव :
गांव में बुखार फैलने के बाद प्रधान निर्मला देवी की ओर से सफाई कराई जा रही है। दवा का छिड़काव भी हो रहा है। गांव निवासी संदीप व अन्य लोग खुद भी दवा लाकर गांव में छिड़काव कर रहे हैं।