चार दिन का अल्टीमेटम, फिर तेज होगा आंदोलन
कई सामाजिक संगठनों ने की एडीएम से मुलाकात। पीएसी व स्थानीय निवासियों के विवाद निपटारे की मांग।
सीतापुर : पीएसी व सुदामापुरी के स्थानीय निवासियों के बीच रास्ते के मुकदमे को लेकर रिचा सिंह व अन्य पर दर्ज मुकदमे का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। मुकदमा वापसी की मांग को लेकर गांवों में तो मजदूर प्रदर्शन कर ही रहें हैं।
मंगलवार को संगतिन मजदूर संगठन, मताधिकारी संघ, भारतीय किसान यूनियन व अन्य संगठनों के पदाधिकारी डीएम से मुलाकात करने पहुंचे। डीएम की गैर मौजूदगी में एडीएम विनय पाठक से मुलाकात कर मुकदमा वापसी की मांग की। संगठनों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि, सुदामापुरी और पीएसी 11वीं बटालियन से निकलने वाली नेपियर रोड से आसपास के दस गांवों के करीब 8000 लोग गुजरते हैं। पीएसी की ओर से रास्ते को गेट लगाकर बंद करने का विरोध करने पर रिचा सिंह व चार अन्य को नामजद करते हुए 20 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की गई। मुकदमे की कार्रवाई उस समय की गई जब प्रशासन व स्थानीय निवासियों के बीच समस्या समाधान के लिए वार्ता चल रही थी। सामाजिक संगठनों ने मामले का निराकरण चार दिन में कराने का अल्टीमेटम दिया है। संगतिन की रिचा सिंह का कहना है कि, जिस तरह मुकदमा दर्ज किया है, उसकी वापसी भी उसी तरह हो। सभी को पता चलना चाहिए कि, मुकदमा वापस हो गया है। हम नागरिक अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। चार दिन का समय दिया गया है।
संगठनों के सवाल
- विरोध के बावजूद लॉकडाउन के दौरान पीएसी को गेट लगाने से क्यों नहीं रोका गया।
- अधिकारियों से वार्ता के बीच रात 12 बजे के बाद गेट क्यों लगा।
- अगर इसे लॉकडाउन का उल्लंघन माना जाए तो इसकी जिम्मेदार पीएसी 11वीं वाहिनी है। जो गेट का निर्माण करा रही थी।