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भाई की तरह बनेंगे इंजीनियर

जिले में पहला स्थान पाने वाले विद्याज्ञान स्कूल के विश्वविजय यादव महाराजगंज के खुटहा बाजार के मूल निवासी हैं। विश्वविजय विज्ञानी बनना चाहते हैं। इसके लिए इंजीनियरिग की तैयारी में अभी से प्रयासरत हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:08 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 11:08 PM (IST)
भाई की तरह बनेंगे इंजीनियर
भाई की तरह बनेंगे इंजीनियर

सीतापुर: जिले में पहला स्थान पाने वाले विद्याज्ञान स्कूल के विश्वविजय यादव महाराजगंज जिले के खुटहा बाजार के मूल निवासी हैं। पिता छोटेलाल यादव किसान हैं। मां विद्रावती देवी ग्रहणी हैं। विश्वविजय विज्ञानी बनना चाहते हैं। इसके लिए अभी से प्रयासरत हैं। अपना आदर्श पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को मानते हैं। उनकी तरह ही विज्ञानी बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय दो बड़े भाइयों को देते हैं। फुटबॉल के अच्छे खिलाड़ी भी हैं। और विद्यालयी प्रतियोगिता में प्रतिभाग भी कर चुके हैं।

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आइएएस बनकर करूंगा देश सेवा

जिले में पहला स्थान पाने वाले सेक्रेड हार्ट इंटर कॉलेज के वैभव शुक्ला शहर के नवीन चौक निवासी हैं। पिता अजय शुक्ला सरकारी विद्यालय में लिपिक और मां संध्या शुक्ला ग्रहणी हैं। इंजीनियरिग की पढ़ाई करने के बाद आइएएस बनकर देश सेवा करना का संकल्प है। बाबा मनोहर लाल शुक्ला रिटायर्ट हिदी प्रवक्ता को आदर्श मानते हैं। अपनी सफलता का श्रेय बाबा को देते हैं। कहते हैं कि उन्हीं की प्रेरणा से यह मुकाम हासिल किया है। वैभव में हिदी में सौ अंक हासिल किए हैं। सिगिग का शौक रखने वाले वैभव अभिजीत के फैन हैं। गिटार बजाते हुए उनके गीत गुनगुनाते हैं।

इंजीनियर बनने का है सपना

जिले मे दूसरा स्थान पाने वाले विद्याज्ञान स्कूल के छात्र आदर्श कुमार कुशीनगर जिले के मूल निवासी हैं। पिता अरुण कुमार डाक विभाग में अभिकर्ता व मां अनीता देवी गृहणी हैं। इंजीनियर बनना लक्ष्य है। विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं। क्रिकेट खेलने के शौक है जब गांव में रहते थे तो कई प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया। फुटबॉल में स्कूल की प्रतियोगिता में भाग लेकर कई बार इनाम भी प्राप्त किए। सफलता श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों को देते हैं। उनका कहना है कि इन्ही के प्रयासों व प्रेरणा से आज मैंने यह सफलता अर्जित की है।

इंजीनियर बन माता-पिता का सपना करेंगे साकार

जिले में तीसरा स्थान पाने वाले विद्याज्ञान के आनंद कुमार शर्मा मऊ जिले के निवासी हैं। पिता कुबेर नारायण शर्मा किसान मां रमिता देवी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। आनंद इंजीनियर बनकर माता-पिता का सपना पूरा करना चाहते हैं। अपने पिता को ही आदर्श मानते हैं। उनका कहना है कि मेरे पिता बहुत मेहनती हैं। उनके कारण ही आज मैंने यह मुकाम पाया है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उद्घघोषक की भूमिका में रहे हैं। चेस प्रतियोगिता में स्कूल कंपटीशन में प्रतिभाग किया।

आइएएस बनकर देश सेवा करना सपना

जिले में तीसरा स्थान पाने वाली विद्याज्ञान स्कूल की छात्रा शीतल मौर्या गोरखपुर जिले की मूल निवासी हैं। पिता गंगा मौर्या किसान, माता सुनीता मौर्या गृहणी हैं। इंजीनियरिग की पढ़ाई करके आइएएस बनकर देश सेवा करना लक्ष्य है। अपने पिता को आदर्श मानने वाली शीतल का कहना है कि उन्होंने ही कड़ी मेहनत करके मुझे पढ़ाया है। सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को देती हैं। बॉस्केट बॉल की खिलाड़ी रहते हुए स्वर्ण पदक भी पा चुकी हैं। अभी आगे भी पदक जीतना चाहती हैं।

चिकित्सक बन देश सेवा करना लक्ष्य

जिले में तीसरे स्थान पर रही विद्याज्ञान स्कूल की श्रेया दीक्षित लखीमपुर जिले के फूलबेहड़ ब्लॉक के गौरा गांव की मूल निवासी हैं। पिता अवधेश दीक्षित किसान व माता गायत्री दीक्षित गृहणी हैं। नीट की परीक्षा पास करके डॉक्टर बनकर देश व समाज की सेवा करना लक्ष्य है। अपना आदर्श विद्याज्ञान स्कूल के संस्थापक शिव नादर को मानती हैं। वह बहुत ही मिलनसार व सादगी पूर्ण जीवन जीने वाले हैं। फुटबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर चुकी हैं। अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता सहित गुरुजनों को देती हैं।


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