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बंद उप कोषागार, पैसा लेकर भटकते जिम्मेदार

मिश्रिख लहरपुर बिसवां व हरगांव में बंद हैं उप कोषागार

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 10:35 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:06 AM (IST)
बंद उप कोषागार, पैसा लेकर भटकते जिम्मेदार
बंद उप कोषागार, पैसा लेकर भटकते जिम्मेदार

जितेंद्र अवस्थी, सीतापुर: उप कोषागार में कोष जमा न होना उप निबंधकों की मुश्किल बन गया है। संबंधित कस्बों की बैंकों ने भी रजिस्ट्री शुल्क जमा करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में शुल्क की धनराशि जिला मुख्यालय लाना ही विकल्प है। पैसे को सुरक्षित ट्रेजरी तक पहुंचाने में धन के साथ जान भी जोखिम में नजर आती है। समस्या समाधान के लिए की गई शिकायतें भी दम तोड़ती दिख रही हैं। मिश्रिख, लहरपुर, बिसवां व हरगांव स्थित उप कोषागार कई साल पहले बंद हो गया था। तमाम शिकातयों व प्रार्थना पत्रों के बाद भी बंद उप कोषागारों का संचालन नहीं हो सका। बंद उपकोषागार स्थानीय स्टांप विक्रेताओं सहित उप निबंधकों की परेशानी बने हुए हैं। जमीन की रजिस्ट्री कराने के बदले लिए जाने वाले शुल्क को जिला मुख्यालय पहुंचाने की जिम्मेदारी में असुरक्षा का डर भी है। पैसे को सुरक्षित जिला मुख्यालय लाना एक बड़ी चुनौती है।

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बैंकों ने खड़े किए हाथ

रजिस्ट्री शुल्क की धनराशि मिश्रिख, लहरपुर, बिसवां व हरगांव कस्बे में स्थित किसी भी बैंक शाखा में जमा नहीं किए जा रहे हैं। नियमों का हवाला देकर बैंक ये धनराशि जमा करने से मना कर रहे हैं। ऐसे में रजिस्ट्री शुल्क का पैसा जिला मुख्यालय ही लाना पड़ रहा है।

सुरक्षा का सवाल है अहम

लहरपुर, मिश्रिख व बिसवां कस्बों की दूरी जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर है। शाम के समय कार्यालय बंद होने के बाद दिनभर में जमा हुई रजिस्ट्री शुल्क को जिला मुख्यालय लाने में कई दिक्कतें हैं। धनराशि के साथ खुद को सुरक्षित रखना एक बड़ा सवाल है।

दो लाख तक हो जाती है धनराशि

रजिस्ट्री शुल्क कितना हो सकता है ये दिनभर में हुए बैनामे की संख्या पर निर्भर है। अगर महीने का औसत देखा जाए तो एक दिन में दो लाख रुपये तक रजिस्ट्री शुल्क हो सकता है। कभी-कभी धनराशि इससे अधिक भी हो जाती है। जहां उप कोषागार बंद हो गए हैं, वहां जमा होने वाले शुल्क की धनराशि जिला मुख्यालय पर ही जमा की जा सकती है। संबंधित बैंकों में जमा नहीं किया जा सकता।

-जान्हवी मोहन, वरिष्ठ कोषाधिकारी

रजिस्ट्री शुल्क को संबंधित कस्बों की बैंकों में नहीं जमा किया जा सकता है, ये बताया गया है। ऐसे में धनराशि को सुरक्षा में लाने को कहा गया है।

-विनय पाठक, एडीएम


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