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हिदी दिवस पर गोष्ठी और कवि सम्मेलन

हिदी भारत के माथे की बिदी। हिंदी दिवस जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 11:35 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 11:35 PM (IST)
हिदी दिवस पर गोष्ठी और कवि सम्मेलन
हिदी दिवस पर गोष्ठी और कवि सम्मेलन

सीतापुर : हिदी दिवस जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। विद्यालयों, साहित्यिक संस्थाओं की ओर से कवि सम्मेलन, विचार गोष्ठियों का आयोजन हुआ।

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आरएमपी महाविद्यालय में हिदी पखवाड़े का शुभारंभ हुआ। प्राचार्य डा. जयवीर सिंह ने कहा हिदी भारत की राजभाषा होने के साथ-साथ देश की परंपरा एवं संस्कृति की पहचान है, यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता को स्थापित करने का आधार है। एचकेएम में प्राचार्य डा. दीपशिखा सिंह ने हिदी भाषा की वैज्ञानिकता पर चर्चा की। कार्यक्रम में हिदी की सहायक प्राध्यापक धन लक्ष्मी, डा. बिदु, डा. शिखा, दीप्ति सिंह, डा. नेहा कुमारी, डा. नमिता त्रिपाठी, डा. साक्षी, डा. नीतू, डा. शिप्रा श्रीवास्तव ने अपने विचार रखे। दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में इंटरनेट मीडिया और हिदी भाषा विषय पर भाषण प्रतियोगिता हुई। कार्यक्रम में प्रथम स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष ज्योति गुप्ता, दूसरे स्थान पर एमकाम द्वितीय वर्ष लक्ष्मी कपूर, तीसरे स्थान पर बीकाम तृतीय वर्ष के विश्व प्रताप सिंह व सांत्वना पुरस्कार बीए तृतीय वर्ष अनुराग मिश्र ने प्राप्त किया।

राजकीय महाविद्यालय कुचलाई सभागार में प्राचार्य प्रो. शाहला नुसरत किदवई ने कहा हिदी को वैश्विक स्तर पर समर्थ भाषा है। मिश्रिख के यशोदा कन्या महाविद्यालय में आशु भाषण प्रतियोगिता हुई। जिसमें बीए तृतीय वर्ष की शिखा त्रिवेदी को प्रथम, द्वितीय वर्ष की साक्षी मिश्रा को द्वितीय व बीए तृतीय वर्ष कामिनी वाजपेयी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। हरगांव में लाइव साइंस एकेडमी में हिदी दिवस पर गोष्ठी हुई।

साहित्यकारों का सम्मान :

हिदी सभा के नरोत्तम सभागार में हिदी सेवियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार व हिदी सभा के संरक्षक रमारमण त्रिवेदी ने कहा हिदी दिवस सही मायने में हिदी की महानता के प्रचार-प्रसार का पावन पर्व है। हिदी सभा के अध्यक्ष आशीष मिश्रा ने कहा मनुष्य ज्ञान का साहित्य किसी भी भाषा में रच सकता है, लेकिन रस का साहित्य केवल अपनी आत्मा की भाषा में रच सकता है।

गीतकार जीएल गांधी ने हिदी-हिदी-हिदी, भारत के माथे की बिदी गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार संरक्षक रमारमन त्रिवेदी, अरुणेश मिश्र, चंद्र प्रकाश मिश्र,रमाशंकर मिश्र, भगवती गुप्ता, उदय प्रताप त्रिवेदी, कमलेश पांडेय, विनोदिनी रस्तोगी, सुधांशु त्रिवेदी, तृप्ति कौर को सम्मानित किया गया। संचालन हिदी सभा महामंत्री रजनीश मिश्र ने किया।


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