सत्यापन से पहले मुश्किलों से 'जंग'
मेडिकल सत्यापन के लिए आए दिव्यांग कर्मचारियों को दिक्कतों से जूझना पड़ा।
सीतापुर: मेडिकल सत्यापन के लिए आए दिव्यांग कर्मचारियों को दिक्कतों से जूझना पड़ा। चिकित्सकों का इंतजार तो किया ही जानकारी के लिए भी यहां से वहां भटकना पड़ा। सूची में नाम देखने के लिए भी अफरा-तफरी का सामना करना पड़ा। दिव्यांगों के साथ गंभीर रूप से बीमार कर्मचारी परेशान होकर भटकते नजर आए। हालांकि मेडिकल सत्यापन के चुनाव ड्यूटी कटने की राहत भी दिव्यांगों के चेहरों पर दिखी।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में ड्यूटी हटवाने के लिए विभागों ने दिव्यांग, मातृत्व अवकाश, गंभीर बीमारी आदि कारण देकर 3836 कर्मचारियों की सूची भेजी थी। जिस पर जिला विकास अधिकारी ने दिए गए आप्शन के संबंध में प्रमाणपत्र जमा करने का निर्देश दिया था। साथ ही दिव्यांग व गंभीर बीमारी बताने वाले कर्मचारियों के मेडिकल सत्यापन को कहा गया। जिसके क्रम में बुधवार को दिव्यांग, मातृत्व अवकाश व चिकित्सा अवकाश वाले 595 कर्मचारियों को जिला मुख्यालय बुलाया गया। डीडीओ कार्यालय में चिकित्सक पियूष पांडे की टीम ने कर्मचारियों का मेडिकल सत्यापन किया। मेडिकल सत्यापन के लिए पहुंचे दिव्यांगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चिकित्सकों का इंतजार और सूची में नाम देखने में दिव्यागों के पसीने छूट गए।
ट्राई साइकिल से पहुंची यास्मीन
मेडिकल सत्यापन का पत्र पहुंचने पर विकास खंड खैराबाद के नेपालापुर में तैनात शिक्षिका यास्मीन ट्राई साइकिल से विकास भवन पहुंची। सूची में नाम देखने के हिम्मत नहीं जुटा सकी। प्रार्थना पत्र देकर चिकित्सकों के सामने पहुंची।
परिजन के साथ पहुंची रिकी
खैराबाद विकास खंड में तैनात दिव्यांग शिक्षिका रिकी भी मेडिकल सत्यापन के लिए जिला मुख्यालय पहुंची। परिजन के साथ आई शिक्षिका सूची देखने के लिए जुटी भीड़ देख परेशान हो गई। जैसे तैसे प्रार्थना पत्र देकर सत्यापन कराया। बैंककर्मी जयप्रकाश को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विकास खंड गोंदलामऊ से आए दिव्यांग शिक्षक कमल किशोर दो बजे ही विकास भवन पहुंच गए।