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संस्कृत संस्कारों की भाषा

सीतापुर : उप्र संस्कृत संस्थान लखनऊ के तत्वावधान में सरल संस्कृत संभाषण शिविर योजना के तहत पूर्व माध

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 10:48 PM (IST)
संस्कृत संस्कारों की भाषा
संस्कृत संस्कारों की भाषा

सीतापुर : उप्र संस्कृत संस्थान लखनऊ के तत्वावधान में सरल संस्कृत संभाषण शिविर योजना के तहत पूर्व माध्यमिक विद्यालय जमैयतपुर व अकबरगंज में चल रही सात दिवसीय संस्कृत वाग्व्यवहार कार्यशाला का समापन रविवार को किया गया। प्रशिक्षक अंशू गुप्ता ने सभी को संस्कृत में संभाषण करना और संस्कृत में अपना परिचय देने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया की ऐसे ही हम सभी प्रतिदिन इस भाषा में अभ्यास करते हुए इसे जनमानस की भाषा बना सकते हैं। संस्कृत के उच्चारण मात्र से अंतर्मन में शुद्धता एवं वाणी में मधुरता आती है। सभी से संस्कृत पढ़ने का आग्रह किया। जमैयतपुर में डॉ. प्रदीप पांडेय एवं अकबरगंज में रेनू रस्तोगी ने सभी को संस्कृत भाषा के वांग्मय का परिचय बताया और कहा संस्कृत भाषा देवों की भाषा है। जिसके संभाषण से स्वयं में देवों की विचारात्मक प्रवृत्ति जागृत होती है। संस्कृत संस्कारों की भाषा है जो कि मानव जीवन को नया रूप प्रदान करती है और हमें सम्यक आचरण का ज्ञान देती है। यदि हमें अपने संस्कारों एवं संस्कृति का रक्षण कर पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहना है तो संस्कृत अपनाएं। संदीप तिवारी, रामनरेश, योगेंद्र पांडेय, ¨रकी, महेंद्र मिश्रा, अमन शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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