किए गए कार्यों के सुबूत दें तब वेतन
सीतापुर : बेसिक शिक्षा परिषद के निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर ¨सह ने बीएसए से कहा ह
सीतापुर : बेसिक शिक्षा परिषद के निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर ¨सह ने बीएसए से कहा है कि जिला समन्वयक (सामुदायिक सहभागिता) को अपने दायित्व एवं कार्यों तक के बारे में जानकारी नहीं है। ये बात इनके बीच राज्य परियोजना कार्यालय में हुई बैठक में साबित हो चुकी है। इसलिए इन्हें वेतन भुगतान तभी किया जाए जब ये संबंधित महीने में अपने द्वारा किए गए कार्यों का विवरण आपके समक्ष प्रस्तुत करें और इनके किए गए कार्यों की पाक्षिक रूप से गहन समीक्षा की जानी चाहिए।
पिछले महीने राज्य परियोजना कार्यालय सर्व शिक्षा अभियान लखनऊ में आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिह्नांकन के लिए हाउस होल्ड सर्वे-2018-19 के संबंध में बैठक हुई थी। इसमें सीतापुर, बहराइच, मेरठ, जालौन, बलरामपुर, मिर्जापुर व महोबा जिलों में आउट ऑफ स्कूल चिह्नित बच्चों की संख्या 1200 से 2000 पाई गई। जिस पर टिप्पणी करते हुए निदेशक ने कहा कि आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिह्नांकन का कार्य गंभीरता से नहीं किया गया है। जिला समन्वयक को इस कार्य के लिए उत्तरदायी बनाया गया है। समीक्षा से स्पष्ट हो रहा है कि जिला समन्वयक का कार्य संतोषजनक नहीं है और आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिह्नांकन करने में इनके द्वारा कोई ध्यान न देते हुए लापरवाही बरती जा रही है। बच्चों की शैक्षिक संप्राप्ति, ग्रेडेड ल¨नग, ल¨नग आउट कम के विषय में जानकारी और पाठ्य पुस्तकों से परिचय तक भी जिला समन्वयक में अभाव है। शिक्षा निदेशक ने बीएसए को लिखे पत्र में ये भी कहा है कि परियोजना कार्यालय पर बैठक में मौजूद जिला समन्वयक से पूछा गया कि उनके कार्य व दायित्व क्या हैं, तो एक-दो को छोड़ शेष समन्वयक अपने कार्य व दायित्व तक नहीं बता पाए। यही नहीं वर्तमान में वे क्या कार्य कर रहे हैं और पिछले दिनों में कौन से कार्य किए हैं, ये जवाब भी जिला समन्वयक नहीं दे सके हैं।
बैठक में निदेशक एक-एक कार्य पूछ रहे थे तो इसमें क्या जवाब देते। जिले में आउट ऑफ स्कूल चिह्नित बच्चों की संख्या 1227 है।
- सत्येंद्र मिश्र, जिला समन्वयक
निदेशक के निर्देश मिले हैं जिसके क्रम में ही अब जिला समन्वयक के कार्यों पर निगाह रखेंगे और कुछ आउटपुट आने की स्थिति में ही समन्वयक को वेतन भुगतान करेंगे।
- अजय कुमार, बीएसए