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शबरी के प्रेम ने किया भाव-विभोर

कस्बे में मड़ैया बाबा मंदिर परिसर में रामलीला के आठवें दिन कलाकारों ने भावपूर्ण मंचन किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 11:27 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:02 AM (IST)
शबरी के प्रेम ने किया भाव-विभोर
शबरी के प्रेम ने किया भाव-विभोर

सीतापुर : कस्बे में मड़ैया बाबा मंदिर परिसर में रामलीला के आठवें दिन कलाकारों ने भावपूर्ण मंचन कर भाव विभोर कर दिया।

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रामलीला में माता सीता के हरण के बाद भगवान राम व लक्ष्मण उनको खोजते हुए जा रहे हैं। रास्ते में जटायु राज घायल अवस्था में मिलते हैं। जटायु बताते हैं कि रावण मां सीता का हरण कर ले गया है। मैंने उसे रोकने का प्रयास किया तो घायल कर दिया, यह बताकर जटायु प्राण त्याग देते हैं। राम आगे बढ़ते हैं तो सबरी मिलती हैं। राम, लक्ष्मण को देखकर वह अति प्रसन्न हैं। वह इतना भाव-विभोर हो जाती हैं और भगवान को बेर चखकर खाने के लिए दे रही हैं। भगवान प्रसन्न भाव से उसे खा रहे हैं। भक्त और भगवान के इस प्रसंग ने सभी को भाव विह्वल कर दिया। कैकेई ने राजा दशरथ से मांगे वरदान

बिसवां : यहां चल रही रामलीला में राजा दशरथ ने श्रीराम को राजगद्दी सौंपने का मन बनाया। यह खबर पाकर कैकेयी आहत हो जाती हैं। कैकेई को दासी मंथरा समझाती है कि राम के राजा बनने से उसका अहित होगा। कैकेयी को राजा दशरथ से अपने दो वर मांगने की सलाह देती है। कैकेयी राजा दशरथ से भरत को अयोध्या की राजगद्दी तथा राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगा। राजा दशरथ यह सुन दुखी हो जाते हैं।

राम व सुग्रीव की मित्रता का मंचन

महमूदाबाद : संकटा देवी मंदिर के सांस्कृतिक मंच पर रामलीला का मंचन हुआ। सुग्रीव, हनुमान, जामवंत, नल-नील बैठे मंत्रणा कर रहे थे। राम-लक्ष्मण को देखकर सुग्रीव ने हनुमान से कहा दोनों का पता लगाओ। बाली ने मेरा वध करने के लिए तो नहीं भेजा है। हनुमान ब्राह्मण के वेश में परिचय जानते हैं। फिर दोनों को सुग्रीव के पास लाते हैं।


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