आधा गांव रोशन, आधे में अंधेरा
सीतापुर : विद्युतीकरण के सरकारी आंकड़े कुछ भी हों लेकिन गांवों की हकीकत शर्मिंदा
सीतापुर : विद्युतीकरण के सरकारी आंकड़े कुछ भी हों लेकिन गांवों की हकीकत शर्मिंदा करने को काफी है। मुसब्बरपुर गांव इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। आधे गांव की आबादी रोशनी से गुलजार है। जबकि आधा गांव अंधेरे में है। शिकायतों के बावजूद भी विद्युतीकरण नहीं हुआ तो करीब एक सैकड़ा लोगों ने सामूहिक हस्ताक्षरित प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री को भेजते हुए गांव का विद्युतीकरण पूरा कराने की गुहार लगाई है।
मुसब्बरपुर गांव में करीब तीन वर्ष पूर्व विद्युतीकरण के लिये बिजली पोल लगाए गये थे। इन पर तार बिछाकर ट्रांसफार्मर भी लगाया गया था। गंवई सियासत के चलते आधे गांव में तो एचटी लाइन से कनेक्शन कर बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गयी थी, लेकिन आधा गांव तब से आज तक अंधेरे में है। कई पोल आंधी में टूट चुके हैं जबकि कई जगह से तार भी गायब हो चुके हैं। आरोप है कि कई बार विभागीय उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायती पत्र दिया, लेकिन शिकायत का संज्ञान नहीं लिया। गांव के नवलकिशोर, दिनेश, बाबूराम, विकास, तेजपाल, धर्मेंद्र, जयकरन आदि करीब एक सैकड़ा ग्रामीणों ने सेवानिवृत्त कर्मचारी जैलाल की अगुवाई में मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर गांव में विद्युतीकरण पूरा कराये जाने की गुहार लगायी है।
दिसंबर तक पूरा होगा काम
मुसब्बरपुर में विद्युतीकरण अधूरे होने की जानकारी संज्ञान में नहीं है। जिले के 752 मजरों में विद्युतीकरण होना है, जिनमें से 203 मजरों में काम चल रहा है। दिसंबर तक सभी गांवों में विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा।
एनपी ¨सह, अधीक्षण अभियंता