हमारी संस्कृति सनातन, शाश्वत व कालजयी : अशोक दुबे
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बिसवां (सीतापुर) : सरस्वती शिशु मंदिर में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और राष्ट्र सेविका समिति की तरफ से कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम हुआ। इसमें छात्र-छात्राओं ने लघु नाटिका के माध्यम से भारतीय संस्कृति व विदेशी संस्कृति का तुलनात्मक स्वरूप की प्रस्तुति दी। अतिथि पूर्वी उप्र क्षेत्र के प्रचार प्रमुख अशोक दुबे ने कहा, भारतीय संस्कृति पूर्ण जीवंत व सद्भावना को जागृत करने वाली एक व्यापक परंपरा की पोषक है। जबकि विदेशी संस्कृति संकीर्ण विचारधारा की अति अल्प व्यवस्था है। उन्होंने कहा, भारतीय संस्कृति और संयुक्त परिवार पूरे विश्व में चर्चा का विषय हैं। हमारी संस्कृति सनातन, शाश्वत व कालजयी है। यह चिर पुरातन होते हुए नित्य नूतन भी है। अपनी संस्कृति के इस अनोखे सामर्थ्य के अनेक कारण हैं उन कारणों में से एक है, हमारा हिदू परिवार, कुटुंब व्यवस्था।
प्रचार प्रमुख ने कहा, भारतीय संस्कृति में सोलह संस्कारों से पूरित होकर एक राष्ट्र नायक के रूप में सामने लाना होता है। परंतु आज समाज में परिवारों की भूमिका अत्यंत दुर्बल होती जा रही है। अशोक दुबे ने कहा परिवार व सामाजिक व्यवस्था सुधरे और राष्ट्र सक्षम व सु²ढ़ बने। इसी आशय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 'कुटुंब प्रबोधन' गतिविधि का निर्माण किया है। कार्यक्रम में विधायक महेंद्र यादव, मुख्य अधिशासी चीनी मिल आरसी सिघल, तहसीलदार राजकुमार गुप्ता, विद्यालय प्रबन्धक दिनेश गुप्ता, जिला प्रचारक शिव शंकर, कार्यक्रम में मीरा सिघल, डॉ. राजन अग्रवाल, आनंद खत्री आदि मौजूद रहे।