सड़कों के गड्ढे हादसे का सबब बन ले रहे जान
सीतापुर : सड़कों पर गड्ढों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी स्वाभाविक भी है। इस जिले स
सीतापुर : सड़कों पर गड्ढों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी स्वाभाविक भी है। इस जिले से होकर गुजरे लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे के गड्ढे जग जाहिर हैं। सीतापुर से शाहजहांपुर का सफर दुरूह है। ये गड्ढे जानलेवा हैं। गड्ढों का यही हाल जिला एवं राज्य मार्गों पर है। शायद ऐसा ही कोई मार्ग हो, जहां गड्ढे न हों। जिले की सड़कों में भी गड्ढों का अभाव नहीं है। ये गड्ढे दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। इन दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही हैं। फिर भी सिस्टम इन गड्ढों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है। गड्ढामुक्ति अभियान भी अनदेखी का की बानगी इस प्रकार है। दुर्घटना के कारण बने गड्ढे
महोली : एनएच-24 पर महोली-सीतापुर मार्ग पर जानलेवा गड्ढों की भरमार है। इन गड्ढों के चलते दुर्घटना में बीते महीने में 3 लोगों जान चली गई।
25 अगस्त : पति के साथ बाइक से सीतापुर जा रही ब्रम्हावली गांव निवासी शिक्षक सीमा त्रिव दी की कटीली चौकी के पास सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
सितंबर : हरदोई जिले के शिक्षक विकास गुप्ता की हेमपुर क्रॉ¨सग के पास गड्ढे होने से अनियंत्रित बाइक में पीछे से ट्रक ने ठोकर मारी, इनकी मौके पर ही मौत हो गई।
6 सितंबर : महोली कस्बे में स्टेशन रोड के सामने गड्ढों में भट्ठा मुहल्ले के विभव दीक्षित साइकिल से गिर गए तभी पीछे से आ रहा ट्रक इनके ऊपर चढ़ गया।
वर्जन-- मार्गों को गड्ढों से मुक्त करने का अभियान फिर चलने जा रहा है। इसके लिए कार्रवाई प्रारंभ हो रही है।
- मलखान, अधिशासी अभियंता-पीडब्ल्यूडी इनसेट : 15 अक्टूबर तक मुक्त होंगे गड्ढे : ईई
पीडब्ल्यूडी के नोडल अधिकारी अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड मलखान ¨सह का कहना है कि वर्षाकाल से पहले गड्ढामुक्त किया गया था। बजट आवंटन हुआ, लेकिन कार्यदायी संस्थाओं का अभी भुगतान बाकी है। इधर जो गड्ढे हुए हैं, उनको मुक्त करने का काम 15 अक्टूबर तक करना है। इसके निर्देश उच्चाधिकारियों से मिले हैं, लेकिन अतिरिक्त धन आवंटन नहीं हुआ है। पूर्व के बजट में ही मार्गों के गड्ढों को भरना है।