बोरों पर लेटे, जानवरों को भगाने में गुजरी रात
खरीद केंद्रों पर किसानों को सहूलियत की हकीकत ये है कि किसान चरन सिंह की रात बेसहारा जानवरों को भगाने में ही गुजरी।
सीतापुर: खरीद केंद्रों पर किसानों को सहूलियत की हकीकत ये है कि किसान चरन सिंह की रात बेसहारा जानवरों को भगाने में ही गुजरी। वह रविवार शाम 5 बजे नवीन गल्ला मंडी में खाद्य विभाग के हरगांव एट मंडी क्रय केंद्र पर आ गए थे। रात गुजारने के लिए टिनशेड के नीचे बोरों पर बिस्तर तो लगाया लेकिन सो नहीं सके। मंडी में फसल की सुरक्षा खेतों से भी बढ़कर करनी पड़ी। सुबह छह बजे किसान जीत सिंह व अन्य किसान क्रय केंद्र पर पहुंच गए और बातें करने लगे। चार घंटे बीत गए लेकिन केंद्र पर कोई नहीं आया।
10:30 बजे केंद्र बंद, किसान परेशान
अधिकारी कहते हैं कि खरीद केंद्रों पर सुबह 9 बजे से खरीद हो रही है लेकिन उनका ये दावा शहर की मंडी में ही झूठा साबित हो रहा है। सोमवार को 10:30 बजे नवीन गल्ला मंडी के हरगांव एट क्रय केंद्र पर प्रभारी और कर्मचारी नदारद थे। बोरों पर रखा कांटा चार्ज हो रहा था। थोड़ी में एक आदमी क्रय केंद्र पहुंचा और खुद को मुनीम बताते हुए किसानों को दबाव में लेना शुरू कर दिया। नमी अधिक है, जगह नहीं है कहकर किसानों पर रोब गांठने लगा।
ट्रैक्टर की सीट पर बैठकर बिताए पांच घंटे
नवीन गल्लामंडी के खरीद केंद्र खाद्य विभाग मंडी प्रथम पर कई किसान अपना धान खड़े थे। प्रताप सिंह सुबह छह बजे आ गए और 11 बजे तक ट्रैक्टर की सीट पर ही बैठे रहे। पारा निवासी समर बहादुर सिंह 5 बजे आए थे, तब से ट्रैक्टर पर ही बैठे रहे। केंद्र पर कोई भी नजर नहीं आया। खाद्य निगम के केंद्र पर भी प्रभारी 10:40 बजे तक नहीं पहुंचे।
सहियापुर केंद्र का ताला ही नहीं खुला
महोली : क्षेत्र के खरीद केंद्र सहियापुर को तो ताला ही नहीं खुलता। पीसीएफ के इस केंद्र पर दो बजे कोई मौजूद नहीं था। केंद्र के पड़ोस में रहने वालों ने बताया कि केंद्र अक्सर बंद ही रहता है।
सिधौली : गांव बाड़ी में खाद्य रसद के खरीद केंद्र पर किसान कम पहुंच रहे हैं। केंद्र पर मौजूद किसान शिवकुमार ने बताया कि धान कम आने से अभी कोई दिक्कत नहीं है। लहरपुर मंडी के खरीद केंद्र पर भी धान खरीद सही ढंग से हो रही है।
वर्जन
खरीद का समय नौ से पांच हैं। प्रभारी को समय से आ जाना चाहिए। समय से न आने की जांच कराई जाएगी। किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
अरविद दुबे, डिप्टी आरएमओ