वट सावित्री की पूजा कर मांगा अखंड सौभाग्य
सीतापुर पौराणिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को गृहणियां वटवृक्ष का पूजन।
सीतापुर: पौराणिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को गृहणियां वटवृक्ष का पूजन करती हैं। इस दिन गृहणियां अपने पति की दीर्घायु होने की कामना करते हुए अखंड सौभाग्य का वर मांगती हैं। इसे वटसावित्री या आम बोलचाल में बरसाइत भी कहते हैं। यह त्योहार इसबार कुछ मामले में खास रहा। इसबार गृहणियां बाग, मंदिर आदि सार्वजनिक स्थलों में पूजा नहीं की। महिलाओं ने घर पर ही गमले में वटवृक्ष रोप कर उसकी विधिविधान से पूजा अर्चना की।
महिलाओं ने डाल पर धागा लपेटते हुए पति के दीर्घायु होने की कामना की। महिलाओं ने कहा चूंकि इसबार कोरोना संक्रमण का प्रकोप है। पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। सरकार ने शारीरिक दूरी का पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसलिए घर पर ही पूजा करते हुए पति की दीर्घायु व आरोग्य की कामना की है। हम लोगों ने कामना की है कि इस बीमारी से लोगों को जल्द निजात मिले जिससे अगले वर्ष एकबार फिर हम सब सामूहिक रूप से इस पर्व को मना सकें।
कम ही दिखीं महिलाएं
कोरोना संक्रमण के चलते चूंकि इसबार अधिकांश महिलाओं ने घर में ही पूजा अर्चना की इसलिए सार्वजनिक स्थलों पर लगे वटवृक्ष स्थलों पर महिलाएं नहीं दिखीं। जबकि इस स्थल पर वटसावित्री की पूजा के लिए पूर्व के वर्षों में महिलाओं की इतनी भीड़ रहती थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं बचती थी।