नदियों का जलस्तर घटा पर 80 गांवों में भरा बाढ़ का पानी
रामपुर मथुरा रेउसा व तंबौर क्षेत्र के गांवों में पानी भरा होने से बढ़ी दिक्कतें। ग्रामीण पलायन करने को ूजबूर।
सीतापुर : शारदा व घाघरा नदियों के जलस्तर में वृद्धि तो रुक गई, लेकिन 80 गांवों के ग्रामीणों की मुश्किलें अभी तक कम नहीं हुई हैं। रेउसा, बेहटा व रामपुर मथुरा इलाके के बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग छतों पर और ऊंचे स्थानों पर पनाह लिए हैं। रामपुर मथुरा के करीब 55 गांवों में घाघरा नदी का पानी अभी तक भरा है।
रेउसा ब्लॉक के 25 से अधिक गांव बाढ़ प्रभावित हैं। बेहटा इलाके के गांवों में भी नदी ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। नदियों का पानी घरों में भरा है। गांवों को आने वाले रास्ते जलमग्न हैं। आवागमन ठप होने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रामपुर मथुरा के बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीण घर छोड़कर तटबंध की ओर पलायन कर रहे हैं। कई परिवार पहले ही तटबंध पर आशियाना बना चुके हैं। प्रशासन ने बचाव के इंतजाम शुरू कर दिए हैं। रेउसा इलाके के काशीपुर गांव में शारदा नदी की कटान रोकने के लिए बनवाए गए स्टड पानी में डूब गया। स्टड का कुछ हिस्सा शनिवार को क्षतिग्रस्त भी हो गया। इससे मल्लापुर व काशीपुर के 56 ग्रामीणों के घरों में शारदा नदी का पानी घुस गया है। ग्रामीणों ने बालू भरी बोरियां लगाकर बचाव का प्रयास किया लेकिन पानी को रोक नहीं सके। वहीं विधायक ज्ञान तिवारी, तहसीलदार राजकुमार गुप्ता ने कई गांवों में ग्रामीणों को भोजन के पैकेट वितरित किए। विधायक ने मल्लापुर व अजयपुर के पास बाढ़ परियोजना के तहत नवनिर्मित स्टड जो शनिवार को क्षतिग्रस्त हो गया था, उसका निरीक्षण किया। विधायक ने बाढ़ खंड के अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षतिग्रस्त स्टड की शीघ्र मरम्मत कराएं। इन गांवों में भरा है पानी
रामपुर मथुरा की ग्राम सभा अंगरौरा, हरपालपुरवा, निरंजन पुरवा, खुन्नापुरवा, बक्शीपुरवा, फतेहपुरवा, मर्रापुरवा, सुंदरनगर, रानीगंज, मिश्रनपुरवा, बुद्धिपुरवा, सोतीपुरवा, हरीपुरवा, कनरखीघाट, कैलाशपुरवा, हरिहरपुरवा, बनवारीपुरवा, जग्गन्नाथपुरवा, बंगालीपुरवा, कंधईपुरवा, भवानीपुरवा, अर्जुनपुरवा, बलेसरपुरवा, छदारीपुरवा आदि गांवों में पानी भरा है। वहीं रेउसा ब्लॉक के दुर्गापुरवा, भदम्मरपुरवा, कोलिया-छड़िया, फौजदारपुरवा, मेड़ईपुरवा, सुकईपुरवा, कोनी आदि 25 से अधिक गांव जलमग्न हैं। रामपुर मथुरा के अंगरौरा समेत बाढ़ प्रभावित गांवों की आबादी इससे प्रभावित है।