गरीबी के बीच पढ़ रही रचना का उलझा कॅरियर
सीतापुर : सरकारी सिस्टम ने हमारे कॅरियर को उलझा दिया है। यूपी बोर्ड से आवेदन निरस्त होने की खबर आने
सीतापुर : सरकारी सिस्टम ने हमारे कॅरियर को उलझा दिया है। यूपी बोर्ड से आवेदन निरस्त होने की खबर आने के बाद से हमारे साथ पूरा घर परेशान है। हंसी गायब है, चेहरे उदास हैं। हम परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं, इसमें हमारा क्या दोष? 'सिस्टम' ने हमारे लक्ष्य को भटका दिया है, दिन-रात मेहनत से पढ़ रही थीं सोचा था आर्मी या बैंकिंग क्षेत्र में जाऊंगी और घर की गरीबी दूर होगी, पर भ्रष्ट तंत्र ने हमारी ही नहीं हमारे मां-बाप और भाई-बहन की भी उम्मीदों को बर्बाद कर दिया है। ये दर्द उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद से वर्ष 2019 की इंटरमीडिएट की परीक्षा से बाहर की गई छात्रा रचना राजवंशी का है। दो स्कूलों से इसका दाखिला होने से इनके आवेदन को यूपी बोर्ड ने निरस्त कर दिया है। शहर से सटे इलसियाग्रंट गांव की रचना राजवंशी ने शनिवार को अपने दर्द को 'दैनिक जागरण' से साझा किया। रचना चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। छोटी बहन श्रुति कक्षा-10, रंजीत कक्षा-6 व सुजीत कक्षा-5 में पढ़ रहा है। मां संगीता निरक्षर हैं, पिता दिनेश हस्ताक्षर कर लेते हैं। दिनेश राजवंशी का कहना है कि परिवार चलाने व बच्चों की पढ़ाई के लिए वे हर रोज किराए से ऑटो रिक्शा चलाते हैं। उन्हें भरोसा था कि परिवार के खर्चे और अपने भाई-बहन को काबिल बनाने में जल्द ही कुछ वर्षों बाद रचना उनका हाथ बंटाने लगेगी। रचना शहर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की छात्रा है। इसे श्रीमती कमला देवी बालिका इंटर कॉलेज ने अपने यहां से भी दाखिला दिखाया है। दो स्कूलों से बोर्ड में पंजीकरण होने से रचना के आवेदन को निरस्त किया है। अब मामला जांच में उलझा हुआ है।
प्रयोगात्मक परीक्षा से बाहर
रचना ने बताया, बुधवार को भौतिक विज्ञान और शुक्रवार को रसायन विज्ञान की प्रयोगात्मक परीक्षा में भी उसे बैठने नहीं दिया गया। वह परेशान है, रचना व उसके पिता दिनेश स्कूल से लेकर डीआइओएस कार्यालय तक के चक्कर काट रहे हैं।
श्रीमती कमला देवी बालिका इंटर कॉलेज ने रचना के साथ फर्जीवाड़ा किया है। प्रबंधक-प्रधानाचार्य को नोटिस दी है। जवाब आने दो, नहीं आता तो एफआइआर करेंगे। रचना को बिना बोर्ड की सहमति के हम परीक्षा में बैठने नहीं देंगे।
- नरेंद्र शर्मा, डीआइओएस