चुनाव शहरों में, गांवों में सिर्फ समस्याएं
धौरहरा के गांवों में चुनाव पर चर्चा।
धौरहरा : दोपहर के एक बजे हैं। सूर्यदेव पूरे तम पर हैं। दैनिक जागरण की टीम धौरहरा संसदीय क्षेत्र के गांवों में भ्रमण कर रही है। हम उरदौली गांव पहुंचे, यहां पर हर सप्ताह तीन बाजारें लगती हैं। जिस मैदान में बाजार लगती है, वहीं पर नीम के एक पुराने पेड़ की छांव तले कुछ बैठे नजर आए। हमने चुनावी माहौल परखने के लिए उनके करीब पहुंचे, तो पता चला कि लोग दोपहर के वक्त को चुनावी चर्चा कर व्यतीत कर रहे हैं। इस चुनावी चर्चा में शामिल नीरज वर्मा से हमने अपनी जिज्ञासा शांत करने के उद्देश्य से पूछा 'चुनाव का क्या माहौल चल रहा है।', जिस पर वह दुखी मन से बोल उठे 'काहे का चुनाव भैया, वोट देना है, दे देंगे। चुनाव के बाद तो पांच साल तक किसी नेता को तो यहां आना नहीं है।' बात पूरी होते-होते भगवान दीन बोल उठे 'चुनाव का क्या है, दिन-रात जानवरों से अपनी फसल बचाते हैं।' उनकी बात पर अपनी सहमति की मुहर लगाते हुए राम कुमार राठौर नाराजगी भरे लहजे में बोल उठे 'सबेरे पौध लगाओ, रात को ही चट हो जाती है।' पास के ही खेतों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि 'वह देखो भइया, लोग जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए गन्ने के खेत में तार बांध रहे हैं।' इसी बीच हेमेंद्र वर्मा बोल उठे 'चुनाव तो शहरों में होता है, गांवों में तो सिर्फ समस्याओं का अंबार होता है। हम तो नेताओं को वोट देकर उनकी सुध लेंगे ही, लेकिन नेता हमारी सुध कब लेंगे।' इस चुनावी चर्चा का रूख दूसरी ओर मोड़ते हुए पास ही खड़े सियाराम प्रजापति ने कहा कि 'देश भर में क्या चुनावी माहौल बना हुआ है। विकास की बात कोई नेता नहीं कर रहा है। नेता लोग एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने का काम कर रहे हैं। जाति और धर्म की दीवारें खड़ी कर देश को बांटने की साजिश की जा रहीं हैं।' उनकी बात का जवाब देते हुए डॉ. सरोज वर्मा ने कहा कि 'देश भर के नेता भले ही देश को तोड़ने की बात कर रहे हों, लेकिन मोदी जी ने तो पूरी दुनिया में देश का मान बढ़ाया है। सर्जिकल स्ट्राइक और फिर एयर स्ट्राइक कर उन्होंने अपने 56 इंची सीने का सबूत दे दिया है।' जिस पर कुछ नाराजगी भरे लहजे में शेर सिंह बोल उठे 'भइया ई तौ सब ठीक हई, लेकिन दुई रोटिन केर जुगाड़ भी मोदीजी का करई चाही।' अब बारी थी नंद राम राठौर की उन्होंने मोर्चा संहालते हुए कहा कि 'माहौल ठीक हो रहा है। सरकार को काम करने के लिए पांच नहीं 15 साल का समय मिलना चाहिए, इस बार अगर मोदी जी ने सरकार बनाई तो हालात और बेहतर होंगे।'