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समितियों पर सन्नाटा, रबी फसलों को यूरिया खाद की जरूरत

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By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 11:11 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:10 AM (IST)
समितियों पर सन्नाटा, रबी फसलों को यूरिया खाद की जरूरत
समितियों पर सन्नाटा, रबी फसलों को यूरिया खाद की जरूरत

महोली (सीतापुर) : रबी फसलों में यूरिया खाद की जरूरत है। समितियों पर खाद न होने से किसान परेशान हैं। ब्रह्मावली के राकेश तिवारी, संतोष अवस्थी, पुण्यदत्त मिश्र, धर्मप्रकाश ने बताया कि, उनके गांव की समिति वर्षों से बंद है। इसलिए वे लोग भी निजी दुकानों से ही खाद खरीदते हैं और वहां 330 रुपये की दर से प्रति बोरी यूरिया उन्होंने खरीदी भी है।

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पिपरझला गांव के शैलेंद्र मिश्र, रोहिला गांव के सुधीर और रोहित त्रिवेदी ने बताया कि समितियों पर खाद नहीं है। बड़ागांव की प्रधान कालिद्री मिश्रा ने बताया कि, उनके गांव की साधन सहकारी समिति पिछले करीब 20 वर्षो से बंद है। किसान खाद लेने के लिए महोली जाते हैं। साधन सहकारी समिति टिकरा-टिकरि के अध्यक्ष मनोज मिश्र ने बताया कि, छह महीने से समिति पर सचिव की तैनाती नहीं है। इसलिए समिति कार्यालय में ताला लगा है। क्षेत्र में साधन सहकारी समितियां

महसुनियागंज, ब्रह्मावली, चितहला, पिपरावां, नरहरा, महेवा, कैमहरा रघुवर दयाल, टिकरा-टीकरि, भुड़कुडा, महोली और बड़ागांव। निमचेना में किसान सेवा सहकारी समिति व गौरा जलालपुर में क्रय-विक्रय समिति है। डीएपी बिके तो यूरिया आए..

गुरुवार को भुड़कुडा और महसुनियागंज साधन सहकारी समिति बंद थीं। इन समितियों के प्रभारी हरिनाम सिंह ने बताया कि महसुनियागंज में 255 बोरी डीएपी और भुड़कुडा में 230 बोरी डीएपी लगी है। इसे बेचने के बाद जब वह रुपये जमा करेंगे तब यूरिया आएगी। गुरुवार को इन दोनों समितियों में ताला लगा हुआ था। महेवा व नीमचैना में है खाद

महेवा समिति सचिव काशी ने बताया कि समिति पर 250 बोरी डीएपी और 120 बोरी यूरिया है। किसान सेवा सहकारी समिति नीमचैना के सचिव मुन्ना अवस्थी ने बताया कि उनके यहां 81 बोरी डीएपी और 330 बोरी यूरिया है। अधिकांश साधन सहकारी समितियां बंद हैं और जो खुलती भी हैं उन पर खाद नहीं है। इसलिए वहां के कर्मचारी भी परेशान हैं। हालांकि समितियां बंद होने से किसानों को खाद की समस्या रहती है।

- गंगाराम, गाजीपुर महसुनियागंज साधन सहकारी समिति पर पिछले कई दिनों से जा रहे हैं पर वहां खाद नहीं है। इसलिए आज (गुरुवार) को महोली में सहकारी उर्वरक बिक्री केंद्र पर आए थे खैर यहां खाद 270 रुपये प्रति बैग की दर से यूरिया मिल गई है।

- जयदयाल, बसारा


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