निजी डॉक्टरों की हड़ताल, भटके मरीज और तीमारदार
अधिकतर डॉक्टरों ने नहीं खोले चिकित्सा केंद्र तो कुछ ने सेवा धर्म को दी वरीयता मिक्सोपैथी के विरोध में प्राइवेट डॉक्टरों ने 24 घंटे चिकित्सा सेवा का किया बहिष्कार
सीतापुर : मिक्सोपैथी नीति से नाराज प्राइवेट डॉक्टरों की हड़ताल का सीधा असर दिखा। अधिक देर तक लाइन न लगानी पड़े, इसके लिए सुबह-सुबह ही क्लीनिक पहुंच गए। काफी देर तक उसके खुलने का इंतजार करते रहे। दोपहर तक डॉक्टर के न आने पर मायूस होकर लौट गए। हालांकि कुछ डॉक्टरों ने सेवाभाव को प्राथमिकता दी।
शुक्रवार दोपहर सवा एक बजे तरण ताल तिराहे के पास अपने पोते हर्षित के साथ खड़े श्रीराम प्राइवेट क्लीनिक को निहार रहे थे। प्राइवेट डॉक्टरों की हड़ताल से यह क्लीनिक बंद था। पूछने पर बुजुर्ग श्रीराम ने बताया, वह मछरेहटा क्षेत्र के गंगापुर गांव से 36 किमी. दूरी तय करके यहां दवा लेने आए हैं। बुजुर्ग ने कई लोगों से क्लीनिक खुलने के बारे में पूछा। तो उन्हें हड़ताल की जानकारी हुई। इसी तरह सीतापुर रेलवे जंक्शन के समीप के बंद क्लीनिक के बाहर खड़ी बुजुर्ग सुषमा मिश्रा ने बताया, पेट में कई दिनों दर्द है। बेटे कृष्ण मोहन के साथ वह दवा लेने आईं थीं। मछरेहटा के गढ़ी सेनपुर की पार्वती भी यहीं पर क्लीनिक खुलने के इंतजार में थीं। क्लीनिक खुलने के इंतजार के बाद दोपहर को ये रोगी बिना स्वास्थ परीक्षण कराए ही लौट गए।
प्राइवेट डॉक्टरों ने शुक्रवार को इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सुबह से अन्य चिकित्सा सेवाएं बंद रखीं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के बैनर तले 24 घंटे का चिकित्सा कार्य का बहिष्कार किया है। कई प्रतिष्ठित क्लीनिक पूरे दिन बंद रहे तो कुछ ने सेवा धर्म को ही प्राथमिकता दी।
इसके बाद मांगों के संदर्भ में डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री को संबोधित मांग पत्र एसडीएम सदर को सौंपा। इससे पहले उन्होंने सिविल लाइन में आइएमए कार्यालय में बैठक की। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. जेसी गुप्ता, सचिव डॉ. विनोद त्रिपाठी, ने बताया, मिक्सोपैथी नीति के विरोध में प्राइवेट डॉक्टर शनिवार सुबह छह बजे अर्थात 24 घंटे की हड़ताल पर हैं। आएमए की महिला शाखा की चेयरसर्पन डॉ. शालू कपूर की टीम भी हड़ताल में शामिल रही।