गर्भवती को अस्पताल गेट से भगाया
जिला महिला अस्पताल प्रशासन की अमानवीयता दिखी है। यहां आई गर्भवती को अस्पताल गेट से वापस कर दिया गया। उसके साथ अभद्रता भी की गई।
सीतापुर: बुधवार को जिला महिला अस्पताल प्रशासन की अमानवीयता व हददर्जे की लापरवाही देखने को मिली। यहां उपचार के लिए आई गर्भवती को न केवल अस्पताल गेट से वापस कर दिया गया बल्कि उसके साथ अभद्रता भी की गई। गर्मी में बेहाल महिला व उसके परिवारजन को राहत तब मिली जब एसडीएम सदर ने हस्तक्षेप कर महिला को चिकित्सीय परामर्श दिलाई। परसेंडी विकास खंड के शाहमहोली के पास स्थिति ग्राम बुढ़नापुर निवासी रवीना पत्नी प्रदीप नौ माह के गर्भ से है। उसके पेट में तेज दर्द था। वह एंबुलेंस से अपने पति के साथ जिला महिला अस्पताल उपचार के लिए आई थी। जब रवीना अपने परिवारजन के साथ अस्पताल गेट पर पहुंची तो उसको गेट से ही वापस जाने के लिए कहा गया। रवीना के पति का कहना है अस्पताल कर्मियों से उपचार की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने एक न सुनी। बल्कि रवीना के साथ अभद्रता करना शुरू कर दी। उसके बाद मजबूरन प्रदीप अपनी पत्नी रवीना को लेकर वापस चल दिया। तेज धूप में पैदल लालबाग चौराहे तक ही पहुंचे होंगे कि रवीना के एकबार फिर दर्द होने लगा। दर्द से बेहाल रवीना वहीं दुकान के बाहर छाया में लेट गई। उसकी इस समस्या को देखते हुए कुछ लोगों को रहम आ गई। उन्होंने एसडीएम सदर अमित भट्ठ को फोन कर महिला के मदद की गुहार लगाई। एसडीएम ने मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए सीएमएस डॉ. सुषमा कर्णवाल को फोन कर महिला का उपचार करने के लिए कहा। तब जाकर महिला को चिकित्सीय परामर्श दी गई। परामर्श व दवा पाकर रवीना ने राहत महसूस की तथा एसडीएम को धन्यवाद दिया। महिला आपकी मिलने वाली हैं
एसडीएम सदर अमित भट्ठ ने जब सीएमएस को फोन किया तो उन्होंने पूछा महिला आपकी मिलने वाली हैं क्या। इस पर एसडीएम ने कहा मिलने वाला क्या होता है। उपचार पाने का सबका हक है। इसलिए महिला का उपचार कीजिए।