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जिला योजना की बैठक में 636.98 करोड़ का प्रस्ताव पास

बैठक में कई अधिकारियों के अनुपस्थित रहने से प्रभारी मंत्री नाराज

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 11:51 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 11:51 PM (IST)
जिला योजना की बैठक में 636.98 करोड़ का प्रस्ताव पास
जिला योजना की बैठक में 636.98 करोड़ का प्रस्ताव पास

सीतापुर : नैमिषारण्य के सत्संग भवन में जिला विकास योजना की बैठक में वर्ष 2021-22 की जिला योजना का 636.98 करोड़ रुपये का परिव्यय अनुमोदित किया गया। कई अधिकारियों के नदारद होने पर प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह का पारा चढ़ गया। पर्यटन अधिकारी, डीआइओएस, आइटीआइ प्राचार्य, पॉलीटेक्निक प्राचार्य व पीआरडी अफसर समेत कुछ अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात कही।

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गन्ना विभाग की ओर से बनवाई गई सड़कों के सूचना बोर्ड पर जनप्रतिनिधियों का नाम न होने की जानकारी पर जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसौदिया को जमकर फटकार लगाई। दरअसल, सड़कों का लोकार्पण और जनप्रतिनिधियों का नाम न होने का मुद्दा उठा तो प्रभारी मंत्री ने कारण पूछा। इस पर डीएसओ ने शासन ने नाम न डलवाने की बात कही। इससे प्रभारी मंत्री और डीएम नाराज हो गए। उन्होंने आदेश दिखाने को कहा तो डीएसओ शांत हो गए। प्रभारी मंत्री ने एक सप्ताह के भीतर सभी के नाम सहित पत्थर लगवाने का निर्देश दिया। सेउता विधायक ज्ञान तिवारी के प्रतिनिधि ओपी मिश्र ने पौधारोपण अभियान के दौरान जनप्रतिनिधियों के लगाए पौधे गायब होने की जानकारी दी। उन्होंने एक तिथि निर्धारित कर ब्लॉकों पर पेंशन आवेदन लेने का सुझाव दिया। प्रभारी मंत्री ने 13 स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे मशीन लगवाए जाने का निर्देश दिया।

स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप बनी जिला योजना

डीएम विशाल भारद्वाज ने बताया कि, वर्ष 2021-22 की जिला योजना को जिले के सभी विभागों से समन्वय कर अंतिम रूप दिया गया है। कुल परिव्यय 63698 के सापेक्ष पुनर्गठित केंद्र पुरोनिधानित योजनाओं का केंद्रांश 30659.96 लाख है। पूंजीगत विकास कार्यों के लिए 44943.82 लाख का प्रावधान प्रस्तावित है। सीडीओ संदीप कुमार ने जिला योजना में विभिन्न विभागों के लिए निर्धारित परिव्यय की जानकारी दी। कृषि विभाग को 44 लाख, गन्ना विभाग को 728.12 लाख, पशुपालन विभाग को 563.31 लाख, वन विभाग को 504.03 लाख, दुग्ध विकास 185.95 लाख, सहकारिता 508 लाख, ग्राम्य विकास के विशेष कार्यक्रम 86.48 लाख रुपये का परिव्यय प्रस्तावित है।

फोन नहीं उठ रहा

एक जनप्रतिनिधि ने बताया कि वह एक विभाग के अधिकारी को पिछले चार दिनों से दर्जनों फोन कर चुके हैं। अधिकारी न तो फोन उठाए और न ही कॉल बैक किया। जिम्मेदारों ने यह मामला सुन लिया लेकिन, और कोई चर्चा नहीं हुई।


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