Move to Jagran APP

खुद पर अमल नहीं, किसानों को नसीहत

कृषि फार्म पर पराली प्रबंधन के बजाय ट्रैक्टरों से खींचकर मेड़ों पर लगाए गए कृषि अवशेष खाद बनाने के पर्याप्त कृषि यंत्र भी उपलब्ध नहीं किसानों को परेशानी जिम्मेदार अनजान

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 11:20 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 11:20 PM (IST)
खुद पर अमल नहीं, किसानों को नसीहत
खुद पर अमल नहीं, किसानों को नसीहत

विश्वनाथ अवस्थी, सीतापुर:

loksabha election banner

जिले का कृषि विभाग किसानों को तो खूब नसीहत देता है। खुद पर अमल जरा भी नहीं करता। रामकोट में लगभग 200 बीघे का सरकारी कृषि फार्म है। फार्म की जिम्मेदारी कृषि विभाग के जिम्मे है। कृषि फार्म में लगे धान की कटाई अक्टूबर में कंबाइन मशीन से कराई गई थी। धान कटाई के बाद पराली प्रबंधन का कोई कार्य नहीं हुआ। खेत में मौजूद पराली ट्रैक्टरों से खींचकर मेड़ों पर लगा दी गई। कृषि विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है कि जलाने की जगह पराली की खेत में ही जोताई व खंदाई कर खाद के रूप में इस्तेमाल करें। वहीं कृषि विभाग ने अपने फार्म पर इस तरह का कोई प्रयोग नहीं किया। अगर फार्म पर पराली प्रबंधन के तहत जोताई, खंदाई कर खाद बनी होती तो किसान भी इससे प्रेरणा लेते।

खेत में मौजूद पराली को एक सप्ताह तक ट्रैक्टरों से खींचकर मेड़ों के किनारे लगा दिया गया। इस कार्य में काफी खर्च आया। पराली मेड़ पर लगाने के बाद गेहूं बोआई की तैयारी चल रही है। फार्म पर केवल धान व गेहूं की फसलें उगाई जाती हैं। इस बार लगभग 500 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ है।

किसान गोष्ठी के बाद भी प्रयोग पर अमल नहीं

18 नवंबर को फार्म में कृषि विभाग ने किसान गोष्ठी की थी। डीएम विशाल भारद्वाज, उपनिदेशक कृषि अरविद मोहन मिश्र, जिला कृषि अधिकारी अखिलानंद पांडेय समेत कृषि वैज्ञानिक, भूमि संरक्षण अधिकारी, विभागीय अधिकारी व तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए थे। किसानों को पराली प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिया गया था। फिर भी कृषि फार्म में कोई प्रयोग नहीं किया गया।

जिले में कृषि विभाग के आठ फार्म

जिले में रामकोट, जलालपुर, जयपालपुर, मुद्रासन, बड़ागांव, बिलोइया, परसेंडी व लालपुर

वर्जन-

पराली को ट्रैक्टर से खींचने में काफी खर्च आया। पराली की खंदाई व खाद बनाने के लिए जरूरी कृषि यंत्र मौजूद नहीं हैं। इन कृषि यंत्रों को खींचने के लिए 60 हार्स पावर का ट्रैक्टर होना चाहिए। यह ट्रैक्टर भी फार्म पर नहीं है। हालांकि एक ट्रैक्टर है पर वह कम क्षमता का है। फिलहाल पराली गड्ढों में डलवाएंगे।

रणवीर सिंह, प्रभारी कृषि फार्म रामकोट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.