समूह से जुड़कर पाएं रोजगार, खुशहाल हों परिवार
सीतापुर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन-एनआरएलएम ग्रामीण महिलाओं को घर बैठे रोजगार दे
सीतापुर : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन-एनआरएलएम ग्रामीण महिलाओं को घर बैठे रोजगार देने में समक्ष है। कम से कम 10 महिलाओं का समूह बनाकर स्वरोजगार से जुड़ा जा सकता है। समूह बनने पर शुरुआती दौर में आर्थिक मदद भी मिलेगी। दरअसल, आजीविका मिशन का मकसद ग्रामीण क्षेत्र के निर्धन परिवारों की महिलाओं को भी स्व रोजगारी बनाने का है, ताकि उनकी गरीबी कम हो। रिपोर्ट : निर्मल पांडेय
समूह से जुड़ीं महिलाएं तो मिले खुशहाली के रास्ते
इन दिनों आइसीआरपी-ड्राइव (आंतरिक सामुदायिक संदर्भन) टीम की चंपा देवी अपनी ट्रेंड सखियों के साथ शाह जलालपुर में महिलाओं के पांच समूह बनाए हैं। इनमें किसी से 11 तो किसी समूह से 15 महिलाएं जुड़ी हैं। चंपा देवी महिलाओं को बताती हैं कि समूह की महिलाएं सरकारी मदद से परचून, चूड़ी, कपड़ा, सिलाई-कढ़ाई काम कर सकती हैं। भैंस-गाय पालन से दूध बेचकर रुपये कमा सकती हैं। समूह को इस तरह मिलती सहायता समूह के गठन के बाद बैंक खाता खुलता है। खाता खुलने के बाद विभाग 2500 रुपये की मदद देता है। फिर तीन महीने बाद 15 हजार रुपये बतौर रिवाल्विड फंड दिए जाते हैं। फिर समूह के संचालन को देख छह महीने पर सामुदायिक निवेश निधि (सीआइएफ) के तहत 1.10 लाख रुपये की मदद दी जाती है। समूह की मांग पर विभाग अधिकतम पांच लाख रुपये तक लोन स्वीकृत कराने को पत्रावली बैंक भेजता हैं। इस धनराशि से समूह के सदस्य अपने हुनर के हिसाब से कारोबार करते हैं। इस तरह बना सकते हैं समूह
यदि आप समूह से बनाना चाहते हैं तो गांव की न्यूनतम 10 महिलाओं को साथ में जोड़ें। इन महिलाओं की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच की हो। फिर उनके आधार कार्ड की छायाप्रति एडीओ आइएसबी या बीएमएम (ब्लाक मिशन मैनेजर) को दें। ब्लाक के अधिकारी इन महिलाओं की पहली बैठक कराकर समूह गठित कराएंगे।
वर्जन-
चित्र-25 एसआइटी-35- महिलाएं समूह से जुड़कर खुद स्वावलंबी बन सकती हैं। उन्हें विभाग से भी मदद मिलती है। समूह में महिलाओं के जुड़ने से परिवारों में भी एकजुटता आती है। परिवार आर्थिक रूप से मजबूत होता है।
- सुशील श्रीवास्तव, डीसी-मनरेगा