Move to Jagran APP

घट गया पानी, फिर भी दुआ के भरोसे जिदगानी

सीतापुर गांजर में नदी के तटवर्ती गांवों में अब बाढ़ का पानी खिसकने लगा है लेकिन प्रभावित प

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 10:41 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 10:41 PM (IST)
घट गया पानी, फिर भी दुआ के भरोसे जिदगानी
घट गया पानी, फिर भी दुआ के भरोसे जिदगानी

सीतापुर : गांजर में नदी के तटवर्ती गांवों में अब बाढ़ का पानी खिसकने लगा है लेकिन, प्रभावित परिवारों की परेशानी अभी कम नहीं हुई है। लोगों को खाद्य सामग्री से लेकर जीवन रक्षक दवाओं तक की दिक्कत हो रही है। मवेशियों के चारे के भी इंतजाम नहीं हैं। रास्तों पर बाढ़ का पानी चल रहा है। काफी संख्या में ग्रामीण अभी भी बाढ़ में फंसे हैं। सेउता : शेखूपुर गांव से पानी निकल गया है, पर शारदा नदी गांव में कटान कर रही है। पिछले दिनों में यहां 16 घर कट गए थे। शेष चार बचे थे, ये घर भी कट रहे हैं। संबंधित परिवार नदी के कटान को देख पहले से ही घर से गृहस्थी निकालकर किशोरगंज-बढ़ईपुरवा मार्ग पर चले गए थे। सनेही, हेतराम, टुल्लू व प्रहलाद ने बताया, उनके गांव में करीब 20 घर बने थे। पिछले दिनों हुई बारिश में नदी गांव में आ गई और कटान कर घरों को बहा ले गई। उन्होंने बताया, जो घर आज कट रहे हैं वे रात तक कटकर नदी में बह जाएंगे। इस तरह शेखूपुर का अस्तित्व समाप्त होने वाला है।

loksabha election banner

कुसमैरा से बड़ईडीह तक के बीच के गांवों का संपर्क टूटा

कुसमैरा से बड़ईडीह तक करीब छह किमी के बीच में बाढ़ की धार चल रही है। इस कारण नकहा, कनेउड़ा, जटपुरवा, मेउड़ी छोलहा, किशोरगंज, कटरा, सालपुर, अजयपुर, रमुआपुर, बेलहा दरियाना, सिसैया, हनुमंतनगर गांवों का संपर्क टूट गया है। इन गांवों में सरकारी-गैर सरकारी सहायता भी नहीं पहुंच पा रही है। गांवों में पहुंचने के लिए यदि नावों का प्रयोग भी किया जाए तो पहले से फसल सुरक्षा को लगाए गए कंटीले तार रोड़ा बन रहे हैं। पानी का गहरान अधिक होने से कंटीले तार दिख नहीं रहे हैं, डूबे हैं। नावें इन तारों में फंस जा रही हैं। जिन गांवों में बाढ़ का पानी अधिक है और वहां मदद पहुंचाना मुश्किल हो रहा है वहां के लोग छतों पर निवास कर रहे हैं। खाद्य सामग्री एक-दूसरे से मिल बांटकर जीवन यापन कर रहे हैं।

अखरी में कटान तेज, पत्थर डाल अवरुद्व किया मार्ग

रामपुर मथुरा : अखरी गांव में अनिल व राम तीरथ के घर कटकर नदी में बह गए हैं। इस समय घाघरा ब्रजेश तिवारी, ओम प्रकाश, रमेश बाबू, नरेंद्र, गोविदे का घर नदी काट रही है। ब्रजेश तिवारी सोमवार को अपने पक्के मकान को तोड़कर निर्माण सामग्री सुरक्षित करने में लगे थे। घर के बाहर वाले कमरे को तोड़ रहे थे। गांव के लोगों ने बताया, पेयजल की बड़ी समस्या है। ग्रामीणों ने बताया, नदी के कटान से गांव को सुरक्षित करने के लिए किनारे पर पत्थर लगाए जाने थे। इसलिए ट्रकों से वहां पत्थर पहुंचाने के बजाए उन्हें तिवारीपुर से अखरी मार्ग डाल दिया गया है। इससे मार्ग का आवागमन बाधित है। सकरन में 85 ग्रामों में बाढ़ जहांगीराबाद : केवानी नदी में जलस्तर बढ़ने से सकरन के कई गांव जलमग्न हैं। धान, उड़द व मक्का की फसलें डूबी हैं। किरतापुर, टेड़वाडीह, उल्लाहा, पटनी, रेवान, कलीमापुर, सेमरा, लहसड़ा, शाहपुर, जालिमपुर, बोहरा, सुकेठा, काजीपुर समेत करीब 85 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी चल रहा है। यहां प्रभावित परिवारों को अभी तक किसी तरह की मदद नहीं मिल पाई है। सुमली में गिरा पोल, सैकड़ा भर गांव की बिजली गुल

बेहटा : मतुआ के पास बिजली लाइन के तार काफी नीचे झुक गए हैं। सुमली के पास पोल भी गिर गया है। इससे सुमली, बेहटा, नरना, सिकरोहर कला, तंबौरदेहात, सूरेपारा, सिकरी बेहटा, मक्का पुरवा, मुड़ीला, चकपुरवा, काशीपुर, रतनगंज, उंचगांव, करेहका, लौकी समेत कई गांवों की बिजली गुल हो गई है। जेई अनिल सोनकर ने बताया, बाढ़ कम होने पर लाइन दुरुस्त की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.