सिस्टम से जुड़ेंगे मुसहर जाति के परिवार
सीतापुर : हमारा सूबा अलग-अलग जातियों का गढ़ है। यहां आज भी कुछ ऐसी जातियां हैं, जो अभी
सीतापुर : हमारा सूबा अलग-अलग जातियों का गढ़ है। यहां आज भी कुछ ऐसी जातियां हैं, जो अभी भी मुख्य धारा से अलग हैं। इनमें सबसे ऊपर है मुसहर जाति अथवा घूमंतू बिरादरी के लोग। इस जाति के लोग अमूमन यहां-वहां डेरा डाल कर रहते हैं। इनका नाम सरकारी दस्तावेजों में नहीं है, जिसके चलते इन्हें किसी प्रकार की प्रशासनिक मदद भी नहीं मिल पाती है। प्रदेश सरकार द्वारा इन लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सर्वे शुरू कराया जाएगा।
बात अगर सीतापुर जिले की करें तो यहां शहर में सिटी स्टेशन के निकट, सिधौली, बिसवां व महमूदाबाद में मुसहर जाति के लोग कई डेरे बनाकर रह रहे हैं। ये लोग रेलवे स्टेशन के आसपास प्रमुखता से देखे जा सकते हैं। इस बिरादरी के लोग घूम-घूमकर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते हैं। पुरुष व महिलाएं अपने बच्चों को साथ लेकर दिनभर अलग-अलग इलाकों में करतब दिखाकर अपना पेट पालते हैं। प्रशासनिक मदद के अभाव में यह लोग आज भी खानाबदोश की ¨जदगी जीने को विवश हैं। सरकार ने इन लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए समस्त जिलाधिकारियों को सर्वे शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इनका चिह्नीकरण करने के बाद शासन द्वारा संचालित तमाम योजनाओं का लाभ मुहैया कराया जाएगा, ताकि इनका जीवन भी सामान्य हो सके और इनके बच्चों को शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।