'बंदरघुड़की' से लोगों को मिल रहे जख्म
सीतापुर : कस्बे में बंदरों के आतंक से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
सीतापुर : कस्बे में बंदरों के आतंक से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। झुंड की शक्ल में दर्जनों की तादाद में सड़कों व मैदानों में विचरण करने वाले बंदर खौफ बने हुए हैं। लोगों के हाथ से वह खाद्य सामग्री छीन कर भाग जाते हैं, दूसरी ओर लोग इनके हमलों का शिकार होकर घायल भी हो रहे हैं।
एक वर्ष पूर्व जिला पंचायत अतिथि गृह के पास मिश्रिख मार्ग पर स्कूल जा रही छात्रा बंदरों से बच कर भागने के कारण ट्रक की चपेट में आ गयी थी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गयी थी। गो¨वदनगर में छत पर टहल रही बालिका बंदरों से बचने के लिए दौड़ी और गली में नीचे गिर गई। जिससे वह गंभीर घायल हो गयी थी। बंदरों के शिकार आये दिन नागरिक हो रहे हैं जिसकी शिकायत भी पूर्व में प्रशासन से की जा चुकी है। परंतु घटनाओं को दरकिनार कर जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्रशासन की अनदेखी से बड़ी दुर्घटना हो सकती है। रामलीला मैदान में मंगलवार व शनिवार को लगने वाली बाजार उजड़ने के बाद अगले दिन यहां बंदरों के झुंड भोजन की तलाश में भटकते देखे जा सकते हैं। हाल ही में दादी के साथ टहलने जा रही छात्रा वाणी मिश्रा को बंदरों ने दौड़ा कर घायल कर दिया था। कस्बे के मिश्रिख मार्ग, बिसवां चौराहा, महमूदाबाद चौराहा, बस स्टॉप व रेलवे स्टेशन पर इनकी दहशत साफ देखी जा सकती है। समस्या का निदान किया जाएगा
बंदरों को पकड़ने के लिए बाहर से टीम बुलानी पड़ेगी, इसका खर्च बहुत ज्यादा है। इस बारे में अधिकारियों से बात कर समस्या के निदान का प्रयास किया जाएगा।
वीके आनंद, रेंजर सिधौली