शहादत, भक्ति और राम नाम संग विकास की शक्ति
बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में करीब 38 मिनट बोले रक्षामंत्री राजनाथ। अवध फतेह करने के लिए भाजपा ने सीतापुर में ठोंक दी चुनावी ताल।
गोविन्द मिश्र, सीतापुर
उत्तर प्रदेश की चुनावी जंग जीतने के लिए अवध क्षेत्र भाजपा के लिए सबसे खास किला है। इस अहम किले को साधने के लिए भाजपा ने सीतापुर की पुण्य भूमि को चुना, जिसका गौरवशाली इतिहास रहा है। यह वही सीतापुर की धरती है, जिसे ऋषियों की तपोस्थली, सूफी-संतों की धरती और पराक्रम की शौर्य गाथा का बखान करने वाली नगरी के रूप में जाना जाता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने करीब 38 मिनट के अपने संबोधन के दौरान सबसे पहले अवध क्षेत्र के 40 हजार से अधिक बूथ सिपाहियों को इस पुण्य धरा के गौरवशाली इतिहास के बारे में ही बताया। उन्होंने कहा कि आप सारे तीर्थ कर लें लेकिन, जब तक नैमिषारण्य नहीं आते तब तक आध्यात्मिक यात्रा पूरी नहीं होती। उन्होंने शहीद कैप्टन मनोज पांडेय का भी नमन किया, जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्होंने रेजांगला और लद्दाख के भी तार छेड़े। सैनिकों की वीर गाथा सुनाई। बताया कि कैसे 124 सैनिकों ने हजारों का मुकाबला किया और 114 शहीद हुए। रक्षामंत्री ने कहा कि आज तक कोई रक्षा मंत्री रेजांगला नहीं गया। वह गए और स्थिति देखी तो वहां पर भव्य वार मेमोरियल का निर्माण शुरू कराया। उन्होंने सेना के पराक्रम का बखान किया और मोदी सरकार में भारत की बढ़ती ताकत भी बताई। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया। जमीन कब्जा नहीं की लेकिन, कोई हमें छेड़ेगा तो हम छोड़ेंगे नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने कोरोना जैसी आपदा को भी कैसे अवसर में बदला। उन्होंने बूथ कार्यकर्ताओं को यह अहसास दिलाया कि वे पार्टी की जान हैं। कहा कि चुनाव जीतने के लिए बूथ जीत सबसे महत्वपूर्ण है। सशक्त भारत के लिए उप्र में शानदार जीत आपको ही दिलानी पड़ेगी। उन्होंने कांग्रेस को किसानों का विरोधी करार दिया। राम भक्तों पर फायरिग भी याद दिलाई।
किसानों के लिए खोल दिए थे दरवाजे :
रक्षामंत्री ने बताया कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो एक बार स्व. महेंद्र सिंह टिकैत किसानों के साथ राजधानी आए। अधिकारी उन्हें रोकना चाहते थे लेकिन, उन्होंने किसानों के लिए मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे खोल दिए थे। वह सभी किसानों से मिले थे।
ये उपलब्धियां भी गिनाईं
- 2024 तक कोई भी परिवार कच्चे घर में नहीं रहेगा। सबका अपना मकान होगा।
- उप्र में करीब 40 जिलों में मेडिकल कालेज बने। बाकी में बनाने की कवायद शीघ्र होगी पूरी।
- किसानों के लिए सम्मान निधि। चयनित किसानों को मिलता है हर वर्ष छह हजार रुपये।
- कोरोना के दौरान लोगों का रोजगार छिना तो निश्शुल्क राशन की व्यवस्था कराई।
- 2024 तक नल के माध्यम से सभी परिवारों को जल मुहैया कराने की कवायद जारी।