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खेतों में छिपा तेंदुआ, तलाश रहे वन कर्मी

थाना क्षेत्र के गांवों में दहशत का पर्याय बना तेंदुआ अभी तक पकड़ में नहीं आया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 11:28 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:02 AM (IST)
खेतों में छिपा तेंदुआ, तलाश रहे वन कर्मी
खेतों में छिपा तेंदुआ, तलाश रहे वन कर्मी

सीतापुर : थाना क्षेत्र के गांवों में दहशत का पर्याय बना तेंदुआ अभी तक पकड़ में नहीं आया है। वन कर्मियों की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। चार गांवों में पिजड़ा लगा है। जगदीशपुर गांव में मुर्तजा का शिकार करने के बाद से तेंदुआ की दहशत कायम है। वन कर्मियों को अभी तक तेंदुआ की लोकेशन नहीं मिली है।

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विभाग पग चिह्नों के सहारे लोकेशन पता करने में लगा है। तेंदुआ की लोकेशन मिले तो विभाग ट्रैंकुलाइज करने की रणनीति बनाए। तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज करने के साथ हाथी से घेरकर पिजड़ा की ओर ले जाने की नीति पर विभाग विचार कर रहा है। वन विभाग की टीमों ने गंगापुर, लोहंगपुर, ककरहा, बेशौली, धवरपारा, मानपुर, सिकंदरपुर, जगदीशपुर, रामपुर खेवटा गांव के आस पास कांबिग की। अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। वन विभाग ने तेंदुआ पकड़ने के लिए लखनऊ के वन्य जंतु विशेषज्ञों की भी मदद ली है। उनके सुझावों पर अमल करते हुए कांबिग की जा रही है।

तेंदुआ को मिल रही छिपने की जगह

क्षेत्र में गन्ने के खेत, जंगल, झाड़ियों के साथ सरायन नदी निकली है। नदी के दोनों ओर जंगल है। ऐसे में तेंदुआ को छिपने की प्राकृतिक जगह मिल रही है। शिकार के लिए जंगली जीव भी मौजूद हैं।

लोकेशन मिले तो ट्रैंकुलाइज करें

वन रेंजर प्रदीप अवस्थी ने बताया कि तेंदुआ दिखाई नहीं दे रहा। स्पष्ट लोकेशन मिले तो हाथी बुलाकर ट्रैंकुलाइज का प्रयास किा जाए। जगदीशपुर, गढ़ी बिजुवामऊ, सिसेंडी व रामपुर खेवटा में पिजड़ा लगा है। निगरानी के साथ कांबिग की जा रही है।


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