24 घंटे से कुएं में फंसा था तेंदुआ, चिकन के टुकड़े फेंक पिंजरे में किया कैद
सदरपुर थाना क्षेत्र के बुद्ध पुरवा गांव में तेंदुएं का आतंक। शिकार की तलाश में घुसा आबादी के इलाके में। कुत्तों से आमना-सामना के बाद कुएं में गिरा।
सीतापुर(जेएनएन)। 24 घंटे पहले कुएं में गिरे तेंदुआ को आखिरकार बाहर निकाल लिया गया। लखनऊ चिडिय़ा घर से आई टीम ने इस ऑपरेशन को करीब साढ़े छह घंटे में पूरा किया। पहले प्रयास में फेल होने के बाद टीम ने चिकन के टुकड़े फेंक तेंदुए को जाल में फंसा लिया। इस बार जैसे ही तेंदुआ चिकन के टुकड़े खाने के लिए जाल में आया, टीम ने उसका दूसरा सिरा कस दिया। अब तेंदुआ जाल में फंस चुका था।तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज कर कुएं से बाहर निकाल लिया गया है। वह स्वस्थ है। बताया जा रहा है कि रात में ही इसे जंगल में छोड़ा जाएगा।
ऐसे गिरा कुएं में तेंदुआ
मामला सदरपुर थाना क्षेत्र के खाफाकलां गांव के नजदीक बुद्ध पुरवा गांव का है। रविवार को देर शाम एक तेंदुआ शिकार की तलाश में आबादी के करीब आ पहुंचा। गांव के टहलू राम के मुताबिक, शाम करीब साढ़े सात बजे घर के बाहर अलाव ताप रहे थे। अचानक खेत में आहट सी लगी और कुत्ते जोर से भौंकने लगे। उधर, रोशनी पड़ी तो जानवर की आंखें चमकीं। वह घबरा गए। इस बीच तभी तेंदुए का कुत्तों से आमना-सामना हो गया। तेंदुआ कुत्तों की ओर दौड़ पड़ा। आक्रमण के फेर में कुछ कदम टहलू पीछे की ओर बढ़ता गया। वहीं, पर कुआं भी था। पीछे जाते वक्त तेंदुआ कुएं में गिर गया।
कुत्ते भौंक रहे थे तो तेंदुआ भी गुर्रा रहा था
टहलू ने बताया कि लोगों ने टार्च की रोशनी में देखा तो तेंदुआ होने की पुष्टि हुई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो तेंदुआ काफी देर गुर्राता रहा। उसने बाहर निकलने के लिए भी कई बार छलांग लगाई मगर, सफल नहीं हो सका। सूचना पाकर वन दारोगा संतोष कुमार और वन रक्षक सुशील कुमार भी मौके पर पहुंचे।
इंजन लगाकर कुएं से निकाला गया पानी
गौरतलब हो कि रविवार रात पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। तेंदुए को ठंड से बचाने के लिए इंजन लगाकर कुएं का पानी निकाला गया। इसके बाद कुएं में पटरे और पुआल डाला गया। कुएं के ऊपर चारपाई लगा दी गई।
पहला प्रयास फेल, दूसरे में चिकन के टुकड़े पकड़ा
सोमवार को तेंदुआ को कुएं से बाहर निकालने के लिए लखनऊ से डॉ. बृजेंद्र ङ्क्षसह, कमला शेख व मो. आरिफ की टीम मौके पर पहुंची। विशेषज्ञों की टीम ने कुएं में जाल डालकर तेंदुआ को फंसाने की कवायद शुरू की। पहला प्रयास फेल हो गया। दरअसल, बल्लियों के सहारे तेंदुआ को जाल में ले जाया गया। वह घुस तो गया लेकिन, उसे ऊपर लाया जाता, इससे पहले ही वह बाहर निकल गया। दूसरे प्रयास में टीम ने बल्लियों के सहारे मृत चिकन के कुछ टुकड़े फेंक कर तेंदुआ को जाल में फंसाने का प्रयास किया। इस बार तेंदुआ जैसे ही चिकन के टुकड़े खाने के लिए जाल में घुसा, टीम ने उसका दूसरा सिरा कस दिया। अब तेंदुआ जाल में फंस चुका था।
ऐसे अंजाम पर पहुंचा मिशन
- 7:30 बजे रविवार की शाम को तेंदुआ कुएं में गिरा था।
- 9:00 बजे रात में वन दारोगा व अन्य अफसर मौके पर पहुंचे।
- 5:00 बजे सुबह से ही सोमवार को बुधपुरवा में जुटने लगी थी भीड़।
- 2:00 बजे लखनऊ चिडिय़ा घर की टीम मौके पर पहुंची।
- 2:30 बजे से पंपसेट लगाकर कुएं से पानी निकाला गया।
- 4:00 बजे शाम को तेंदुआ जाल में फंसा मगर निकल गया।
- 8:00 बजे रात में तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज कर बाहर निकाला गया।
- 8:15 बजे टीम तेंदुआ को लेकर महमूदाबाद के लिए हुई रवाना।
क्या कहते हैं अधिकारी ?
डीएफओ डॉ. अनिरुद्ध पांडेय का कहना है कि तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज कर कुएं से बाहर निकाल लिया गया है। वह स्वस्थ है। उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गई है। रात में ही इसे जंगल में छोड़ा जाएगा।