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निस्तारित नहीं हो रहे भूमि विवाद, बनाई नई व्यवस्था

एक जनवरी 2017 से अब तक के भूमि विवाद रजिस्टर पर होंगे दर्ज। न्यायालय में लंबित भूमि विवाद के पक्षकारों को पाबंद कराने के निर्देश।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 12:46 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 12:46 AM (IST)
निस्तारित नहीं हो रहे भूमि विवाद, बनाई नई व्यवस्था
निस्तारित नहीं हो रहे भूमि विवाद, बनाई नई व्यवस्था

सीतापुर : डीएम अनुज सिंह ने स्वीकार किया है कि भूमि विवाद के मामले निस्तारित नहीं हो पा रहे हैं। पीड़ित थाना समाधान दिवस, तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस में बार-बार अर्जी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में भी पहुंचते हैं। डीएम ने व्यवस्था निर्धारित कर ऐसे मामलों को चिह्नित कर निस्तारण के आदेश जारी किए हैं।

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विवादित भूमि संबंधी मामलों को चिह्नित करने के 12 तरीके तय हुए हैं। निर्देश हैं कि अपराध घटित होने वाले प्रकरणों के अतिरिक्त उन मामलों को भी प्राथमिकता से निस्तारित करें। ऐसे भूमि विवाद जिनमें कोई असहाय, दिव्यांग, महिला आदि पीड़ित है, उन मामलों को निस्तारण में प्राथमिकता पर रखें।

डीएम ने थानों पर गठित की हैं टीमें :

बड़े थानों में तीन व छोटे थानों में दो-दो टीमें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम दारोगा, दो पुरुष व एक महिला कांस्टेबल को रखा गया है। ये स्थाई टीमें हैं, जो कि भूमि विवाद को निपटाएंगी। एसडीएम व सीओ देखेंगे कि भूमि विवाद किस स्तर का है, उसी हिसाब में टीम या फिर राजस्व व पुलिस को भेज प्रकरण हल कराएंगे। गंभीर मामलों में एसडीएम-सीओ भी मौके पर जाकर मामले को निस्तारित करेंगे।

भूमि विवादों पर नजर रखने के निर्देश :

- लेखपाल, कानूनगो व अन्य राजस्व कर्मियों व राजस्व अधिकारियों के द्वारा थानों पर भेजे गए प्रार्थना पत्र।

- थाना की महिला हेल्प डेस्क पर आने वाले प्रार्थना पत्रों में भूमि विवाद से संबंधित मामले चिह्नित हों।

- थाना पर नियुक्त हल्का उप निरीक्षक व बीट आरक्षी के माध्यम से प्राप्त सूचना को भी आधार लें।

- हत्या, बलवा, रोकथाम व हत्या के ऐसे प्रकरण, जिनमें हत्या भूमि विवाद के कारण हुई हो।

- जनता दर्शन तक में प्राप्त होने वाले ऐसे प्रार्थना पत्र जिनका संबंध भूमि विवाद से हो।

- थानों पर पंजीकृत होने वाले संज्ञेय अपराध जो भूमि विवाद के कारण घटित हुए हों।

- आर्डर बुक प्रार्थना पत्र में ऐसे मामले देखे जाएं जिनका संबंध भूमि विवाद से है।

- आइजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त प्रार्थना पत्रों में से भूमि विवाद का चिह्नांकन हो।

- थानों पर प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्र, जिनका संबंध भूमि विवाद से हो।

- बीट सूचना रजिस्टर, जिसमें भूमि विवाद का उल्लेख किया गया हो।

- थाने पर मौजूद भूमि विवाद रजिस्टर में पहले से अंकित भूमि विवाद का मामला।

- डायल-112 से प्राप्त सूचनाएं जिनका संबंध भूमि विवाद से हो। भूमि विवाद रजिस्टर में मिली खामियां तो नाराज हुए डीएम

पिसावां प्रतिनिधि के अनुसार थाना समाधान दिवस में डीएम अनुज सिंह ने भूमि विवाद रजिस्टर निर्देशों के क्रम में न बना होने पर राजस्व कर्मियों से कड़ी आपत्ति जाहिर की। डीएम ने तहसीलदार महोली विनोद कुमार सिंह को फोन कर रजिस्टर निर्देश के अनुरूप क्यों नहीं बना कहकर उनसे नाराज भी हुए। स्पष्टीकरण भी मांग लिया।

लेखपाल रमेश गुप्ता, धीरेंद्र शुक्ल व उमेश कुमार ने डीएम के सामने भूमि विवाद रजिस्टर प्रस्तुत किए। इनमें 11 गांव में 13 भूमि विवाद तो किसी रजिस्टर में 16 गांव में दो भूमि विवाद दर्ज होना पाए गए। बहादुरनगर से आए नसीम ने जमीन की पैमाइश के लिए अर्जी दी। कानूनगो संतोष कुमार श्रीवास्तव ने अगले दो दिन में पैमाइश करने को कहा। संतोष ने कहा, वह अमीन थे पैमाइश करना सीख रहे हैं। महतनिया के पंकज ने बेसहारा मवेशियों के संबंध में शिकायत की।


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