प्रधानमंत्री के मंत्र से औद्योगिक गाव बनने की राह पर कंदुनी
सीतापुरप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकल के लिए वोकल महज नारा नहीं इसे अब अमलीजामा पहनाना शुरू हो गया है। इसके कुंदनी गांव को तैयार किया जा रहा है।
सीतापुर:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'लोकल के लिए वोकल' महज नारा नहीं, नजरिया है। इसी को आत्मसात करके सीआइएसएफ के पूर्व अधिकारी ने हुनरमंद ग्रामीणों के साथ मिलकर अपने गाव कंदुनी को औद्योगिक गाव के रूप में विकसित करने का खाका खींचा है। इन सबका सपना है कि उनका गाव ब्राड के रूप में पहचाना जाए।
12 मई को प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने के अगले दिन ही इस पर काम शुरू कर दिया गया। प्रधानमंत्री के संबोधन से प्रभावित शरद चौधरी ने इसके लिए सबसे पहले आसपास के हुनरमंदों की मीटिंग बुलाई। तमाम सुविधाएं एवं सरकारी सहायता दिलाने को लेकर उन्हें आश्वस्त किया तो विभिन्न ट्रेड से जुड़े 47 लोग गाव में उद्योग लगाने को राजी हो गए। फाइलें तैयार की गईं और इन सबका इनके ट्रेडों के हिसाब से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत मिलने वाली मदद के लिए आवेदन भी कराया गया। इनका जिला उद्योग केंद्र पर इंटरव्यू भी हो चुका है। अब इनकी फाइल बैंकों को भेजी जाएगी। यहा से अनुमति मिलने के बाद ग्रामीणों के कारखाने लगेंगे। यहा कोई दरी बनाएगा, तो कोई मसाला और कोई तेल का कारखाना लगाएगा। कारखाने कंदुनी सोलर पॉवर प्लाट के पास खाली पड़ी शरद चौधरी की जमीन पर लगाए जाएंगे। इसके बदले वह मामूली किराया लेंगे।
मिलेगा प्रशिक्षण: ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने के पहले उन्हें पूरी तरह ट्रेंड भी किया जाएगा। जल्द ही ग्रामीणों को उद्यम लगाने को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना का पिछले दिनों मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह शुभारंभ कर चुके हैं। लखनऊ की एक संस्था ग्रामीणों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देगी। तय होंगे मानक
सोलर पॉवर प्लाट से सभी को सस्ती बिजली दी जाएगी। गाव के औद्योगिक पार्क में तैयार होने वाले प्रोडक्ट के लिए मानक तय होंगे। इसके लिए मॉनीटरिंग टीम बनाई जाएगी। इसका खर्च सभी ग्रामीण मिलकर वहन करेंगे। यहा के उत्पादों को स्थानीय ब्राड की तरह विकसित कर बाजार में उतारा जाएगा।
शरद चौधरी, रिटायर्ड अफसर, सीआइएसएफ
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औद्योगिक पार्क के रूप में ही परिकल्पित है योजना
कंदुनी के ग्रामीणों के आवेदन व्यक्तिगत हैं। वहा योजना को औद्योगिक पार्क के रूप में परिकल्पित किया गया है। यह ग्रामीणों की अपनी पहल होगी। इसमें कारखाने आसपास होंगे। हम परीक्षण के उपरात आगे की कार्यवाही करेंगे।
- आशीष गुप्त, उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र
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सब स्टेशन के लिए दान दी थी जमीन
जमींदार रहे पूर्वजों से मिली जमीन में से शरद के पिता एमबी सिंह उर्फ जय चौधरी ने बिजली उपकेंद्र के लिए भूमि दान दी थी। गाव में 220 केवी पॉवर हाउस के लिए शरद चौधरी भी जमीन दान कर चुके हैं। इनके प्रयास से ही ग्रामीण युवाओं के लिए यहा क्रिकेट स्टेडियम है। वातानुकूलित कौशल विकास केंद्र बना है, जहा बच्चों को निश्शुल्क प्रशिक्षित किया जाता है। निजी आइटीआइ है, जहा सरकारी फीस के बराबर धनराशि लेकर प्रशिक्षण दिया जाता है।