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काउंटर से कम, अंदर से ज्यादा जमा हो रहे जेएसवाई फार्म

चल रहा जुगाड़ संबंधित कर्मचारी की मनमानी से दिक्कतें झेलने को मजबूर लाभार्थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 10:45 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 10:45 PM (IST)
काउंटर से कम, अंदर से ज्यादा जमा हो रहे जेएसवाई फार्म
काउंटर से कम, अंदर से ज्यादा जमा हो रहे जेएसवाई फार्म

सीतापुर : महिला अस्पताल में जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के फार्म लाइन से कम, जुगाड़ से ज्यादा जमा होते हैं। काउंटर पर लाइन लगी रहती है और जुगाड़ वाले अंदर से आवेदन जमा कर देते हैं। काउंटर पर तैनात कर्मचारी भी इन पर मेहरबान रहता है।

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बुधवार को 10:40 बजे काउंटर पर भीड़ जमा थी और कर्मचारी नदारद था। लाभार्थी रजिया व अंशिका के तीमारदार फार्म लेकर खड़े थे। करीब 50 मिनट बाद पहुंचे कर्मचारी ने फार्म जमा करना शुरू किया, उसी समय पीछे से भी लोग आने लगे। कर्मचारी, पीछे से आने वाले 'जुगाड़ियों' पर मेहरबानी दिखाने लगा।

सीएमएस महिला अस्पताल डा. शुषमा कर्णवाल ने बताया कि जेएसवाई काउंटर के पास अस्पताल के ही कर्मचारी खड़े थे। एक कर्मी ओटी का था। कर्मचारी कम होने की वजह से भीड़ थी। कई काम होने की वजह से सोनेश्वरी को थोड़ी देर से देखा जा सका।

काम छोड़, जेसवाई काउंटर पर खड़े रहते हैं स्वास्थ्यकर्मी :

जननी सुरक्षा योजना के काउंटर पर खड़े रहने वाले अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी बताए जा रहे हैं। सीएमएस डा. शुषमा कर्णवाल ने बताया कि पूर्वाह्न करीब 11 बजे जेएसवाई काउंटर पर अंदर खड़े लोग अस्पताल के ही कर्मी थे। एक कर्मचारी ओटी का था, जो कि अपना काम छोड़कर जेएसवाई काउंटर पर था। सीएमएस उक्त कर्मी के काउंटर पर खड़े होने की वजह नहीं बता सकीं। कर्मचारियों की कमी की दुहाई भी वह देती हैं। बताया कि अंदर से आने वाले लोग फार्म लेकर आए थे।

बीत गए तीन माह, नहीं मिली प्रोत्साहन राशि :

डिलीवरी के समय ही राजकुमारी की नसबंदी का आपरेशन भी कर दिया गया था। जननी सुरक्षा योजना की धनराशि तो उनके खाते में पहुंच गई। लेकिन, तीन माह बाद भी नसबंदी की प्रोत्साहन राशि उन्हें नहीं मिली है। बुधवार को राजकुमारी के परिवारजन धनराशि के बारे में पता करने आए थे। सही से जानकारी भी नहीं दी गई।

40 किमी का सफर, ढाई घंटे इंतजार :

सोनेश्वरी, मिश्रिख के औरंगाबाद से करीब 40 किलोमीटर का सफर करके सीएमएस को जांच रिपोर्ट दिखाने महिला अस्पताल आई थी। सुबह नौ बजे अस्पताल पहुंचीं सोनेश्वरी को 11:30 बजे तक बिठाए रखा गया। सीएमएस, कार्यालय में हीं थीं। लेकिन, 11:45 बजे सोनेश्वरी को सीएमएस से परामर्श प्राप्त हुआ।


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