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दुर्गापुरवा में मुश्किलें तमाम, विकास का काम कागजी

दुर्गापुरवा में तो बस दिक्कतें ही दिक्कतें

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 06:23 AM (IST)
दुर्गापुरवा में मुश्किलें तमाम, विकास का काम कागजी
दुर्गापुरवा में मुश्किलें तमाम, विकास का काम कागजी

सीतापुर : आलमनगर सरायन नदी का पुल पार करते ही दुर्गापुरवा वार्ड नंबर-आठ शुरू हो जाता है। और यहीं से समस्याओं की शुरूआत भी हो जाती है। अमृत की टोंटियों से जल अमृत तो नहीं निकला। पाइप डालने के लिए खोदी गईं अधिकांश सड़कें दर्द जरूर दे रही हैं। सही से पटान न होने के चलते रास्ता ऊबड़-खाबड़ हो गया है। स्वच्छता अभियान यहां की मुख्य सड़क पर तो दिखता है। गली में सफाई का नंबर महीनों बाद ही आता है। यहां गड्ढामुक्त अभियान भी कागजी है। मुख्य सड़क पर ही इंटरलॉकिग जगह-जगह टूटी है। नाली का पत्थर भी लोगों को दर्द दे रहा है। कई खंभों पर लगी स्ट्रीट लाइट भी खराब है। सरायन नदी के किनारे बसी दुर्गापुरवा नई बस्ती में तो समस्याएं ही समस्याएं हैं। बल्लियों के सहारे बिजली की आपूर्ति, गंदगी और चोक नालियां, बेसहारा जानवर इस बस्ती की पहचान है। यहां के सभी विकास कागजी हैं। पानी के लिए परेशानी

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नए मुहल्ले में पानी की परेशानी भी है। यहां पर नगरपालिका द्वारा आपूर्ति नहीं की जाती। अमृत योजना के मीटर तो पांच महीने पहले ही लग गए थे। लेकिन पानी अब तक नहीं मिला। लोगों की पेयजल व्यवस्था घरों में लगे देसी नलों के सहारे है। गर्मी के मौसम में नलों ने भी पानी छोड़ दिया था। शहनाज कहती हैं, पूरे मुहल्ले में महज दो हैंडपंप हैं। जो घर से बहुत दूरी पर हैं। नल खराब हो जाने के बाद पानी के लिए दिक्कतें झेलनी पड़ती है। कच्चे रास्ते, लटकते तार

नई बस्ती के घरों की बिजली आपूर्ति के बल्लियों के सहारे हो रही है। खंभे न होने से लोगों ने जगह-जगह बल्ली पर तार बांध रखे हैं। आबादी के बीच खाली मैदान से होकर गुजरा रास्ता कच्चा है। बारिश के बाद लोगों को कीचड़ और गंदगी से गुजरना पड़ रहा है। यहां सफाई भी कागजों पर ही होती है। मुहल्ले के रेहान का कहना है कि, सफाईकर्मी के तो दर्शन ही नहीं होते। खुद ही सफाई करते हैं। दुर्गापुरवा मुहल्ले की ये पहली गली है। अमृत योजना से पानी देने के लिए गली की सड़क खोदकर पाइप डाली गई थी। रास्ते को ठीक करने का काम सही नहीं हुआ। उबड़-खाबड़ सड़क से लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।

- संतोष स्वच्छता अभियान मुहल्ले की मुख्य सड़क पर ही दिखता है। सफाईकर्मी इस सड़क पर तो झाडू लगाते हैं। गलियों में दो या तीन महीने बाद ही सफाईकर्मी के दर्शन होते हैं।

- संजय गुप्ता बोले सभासद

समस्याएं कई, सुनने वाला कोई नहीं

वार्ड की आबादी लगभग 8000 हजार है, और सफाईकर्मी महज आठ। वार्ड में 11 मंदिर हैं। नवरात्र के समय मंदिरों की सफाई जरूरी है। वार्ड में कई समस्याएं है जिनके निराकरण के लिए कई बार लिखित प्रार्थनापत्र दिए है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। दुर्गा मंदिर में हैंडपंप खराब पड़ा है। शिकायत के बाद भी सही नहीं कराया गया। शिव मंदिर व गांधी जी की प्रतिमा के समीप ही शराब की दुकान है।

- शादाब, सभासद


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