सुनवाई के पहले दिन कई अफसरों को राज्य सूचना आयुक्त ने चेताया
सूचना का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को दी चेतावनी
सीतापुर : राज्य सूचना आयुक्त रचना पाल ने शुक्रवार को विकास भवन सभागार में सूचना का अधिकार की लंबित अर्जियों पर सुनवाई की। पहले दिन 86 मामलों पर सुनवाई हुई। इसमें 50 प्रकरण निस्तारित कराए गए हैं। इस बीच सूचना का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करने वाले कई मामले सामने आए हैं। इसमें राजस्व विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग प्रमुख हैं। संबंधित अफसरों पर जुर्माने की कार्रवाई अभी नहीं हुई है। सूचना आयुक्त के स्टाफ का कहना है कि जुर्माना अधिकारी के व्यक्तिगत नाम से होना है, इसलिए आवेदक के सूचना मांगने और डिफाल्टर होने की अवधि में कौन अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार था उस पर जुर्माना होना है। संबंधित अधिकारी के नाम व कार्यकाल जानकार ही कार्रवाई की जाएगी। बताया गया कि इससे पहले वर्तमान में तैनात संबंधित अधिकारी को हिदायत दी गई है कि 27 सितंबर तक आवेदक को संबंधित सूचनाएं दे दें, अन्यथा कार्रवाई होगी।
पांच साल हो गए, बीएसए ने नहीं दिया उत्तर..
प्राथमिक विद्यालय के लिए आरक्षित गाटा-957 पर नवीन परती की जमीन पर लोगों ने कूड़ा-करकट डालना शुरू किया। फिर कब्जे हो गए और मकान बन गए थे। अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध 2017 में एडीएम को अर्जी दी थी। जिस पर बीएसए को लिखा था लेकिन, कार्रवाई शून्य रही। इसी मामले में कसमंडा के जगदीशपुर के ब्रजेश मिश्र ने सूचनाएं मांगी थीं। पांच साल हो गए थे, पर बीएसए ने उत्तर नहीं दिया था। जिस पर राज्य सूचना आयुक्त ने सुनवाई करते बीएसए को तलब किया। सुनवाई में बीएसए गैर हाजिर थे। सूचना आयुक्त ने बीएसए को फोन कर बुलवाया। संबंधित सूचनाएं आवेदक को देने को चेताया है।
कुछ सतर्क तो कुछ ऊबते दिखे अफसर
सुनवाई के दौरान विकास विभाग के अधिकारी अलर्ट दिखे। डीडीओ चैंबर में बैठे कई बीडीओ सुनवाई में आए आवेदकों से बुलाकर पूछताछ करते दिखे। इनको संतुष्ट भी कर रहे थे। मैडम के सामने न पेश होने की शर्त पर पूरी सूचना दे देने का भरोसा भी दे रहे थे। वहीं, सुनवाई में बैठे पीएसी व कुछ अन्य विभागों के जिम्मेदार ऊबते दिखे। वह झपकी ले रहे थे।