सीखेंगे मंत्र तो बदलेगा पर्यावरण का तंत्र
चित्र- 4एसआइटी - मांगलिक कार्यों में शुरू करें पौधारोपण की परंपरा समझाया जाए पौधों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व। इससे भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है।
सीतापुर : धर्मगुरु, जब अपने प्रवचन में बताएंगे कि पौधे हमारे जीवन का आधार हैं और पौधारोपण हमारा कर्तव्य तो बदलाव आएगा। धर्मग्रंथों में वर्णित पेड़-पौधों की पूजा के साथ उनके संरक्षण को भी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने का सबक सिखाया जाए। जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह गिफ्ट के तौर पर पौधे भेंट करें। घर में होने वाले मांगलिक कार्यक्रमों में पौधारोपण को स्थान दें तो पर्यावरण संतुलन की चिता ही दूर हो जाएगी, पौधारोपण और उनके संरक्षण की ये सीख देते हुए शहर के इस्माइलपुर निवासी वनस्पति शास्त्री डॉ. हिमांशू त्रिवेदी ने कहा कि, पौधों को परिवार का सदस्य समझना होगा।
देववृक्ष अभियान और प्रसाद में मिले पौधा
डॉ. हिमांशू कहते हैं कि, कुछ वर्ष पहले वे नैमिषारण्य में देववृक्ष अभियान में शामिल हुए थे। पौराणिक क्षेत्र में पौधों को देवतुल्य बताते हुए लोगों को इससे जोड़ा गया। नैमिषारण्य के सभी संतों-महंतों से ये अपील की गई कि, आश्रम पर आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में पौधा दिया जाए। प्रसाद में पौधा देने का प्रयास भी सार्थक साबित हुआ था।
इन पर करें अमल, सुरक्षित रहेगा कल
- पौधों को देवतुल्य मानकर रोपित किया जाए
- अपने प्रियजनों की स्मृति में लगाए गए पौधे का लोग संरक्षण भी करते हैं।
- जन्मदिन या अन्य अवसरों पर पौधा भेंट करने की पहल की जाए।
- बच्चों में विकसित किया जाए पौधारोपण और संरक्षण का व्यवहार
- धर्मगुरु दें पौधारोपण का ज्ञान, धार्मिक ग्रंथों में वर्णित पौधों का महत्व समझाएं।
- कुछ पौधे आजीविका का आधार होते हैं, इसके बारे में लोगों को बताया जाए।
- एक पौधा किस तरह से और कितना लाभदायक है, ये भी बताया जाए।
निश्शुल्क मिलता पौधा और पौधारोपण का ज्ञान
डीएफओ अनिरुद्ध पांडेय कहते हैं कि, पौधारोपण में जनसहभागिता पर जोर दिया जा रहा है। आमजन को जोड़ने के लिए निश्शुल्क पौधा दिया जा रहा है। लोगों को उनकी मांग के अनुसार ही पौधा दिया जा रहा है। सागौन, आम, अमरूद के साथ नींबू, बेल, करौंदा आदि पौधे किसानों को दिए जा रहे हैं। पौधारोपण और संरक्षण से आमजन को जोड़ने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, बाल विकास आदि विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। इस बार 27 लाख पौधे निश्शुल्क दिए जा रहे हैं।