Move to Jagran APP

धान नहीं बेचना है तो हटाइए, एक हजार रुपये जमा करिए

बिचौलियों की दबंगई के सामने मंडी सचिव भी मौन किसानों को बेइज्जत कर मर्जी के भाव में खरीद रहे धान।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 10:49 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 10:49 PM (IST)
धान नहीं बेचना है तो हटाइए, एक हजार रुपये जमा करिए
धान नहीं बेचना है तो हटाइए, एक हजार रुपये जमा करिए

सीतापुर : गल्ला मंडी में बिचौलिये दबंगई पर आमादा हैं, जिनके सामने मंडी अधिकारी भी खामोश हैं। ये बिचौलिया किसानों को खुलेआम धमका रहे हैं और मनमाने मूल्य पर उनकी उपज खरीद रहे हैं।

loksabha election banner

शुक्रवार को ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। दोपहर के एक बजे थे। टिनशेड-1 पर एफसीआइ क्रय केंद्र के पड़ोस में पिसावां के नेवदिया के किसान पुनीत जायसवाल ने धान लदी ट्रैक्टर-ट्राली लाकर खड़ी की। यहां उनके धान का कुछ लोग मोल-भाव कर रहे थे। एक व्यापारी ने 1,325 रुपये का भाव बोला। उधर, पुनीत क्रय केंद्र पर धान बेचने की बात कहने लगा। इस पर व्यापारी व उसके साथ मौजूद अन्य लोग पुनीत पर धान को ट्रैक्टर-ट्राली में डालकर उसे हटाने का दबाव बनाने लगे। संबंधित स्थल को आढ़त क्षेत्र बताकर उससे धान डालने के बदले एक हजार रुपये मांगने लगे।

मंडी में बिचौलियों की किसानों के साथ दबंगई का ये कोई पहला वाकया नहीं है। पल्लेदारों ने बताया कि यहां आढ़त पर काम करने वाले बिचौलिये किसानों के साथ बदसलूकी कर उनका गल्ला मनमाने दाम में जबरन खरीद लेते हैं। इस बाबत सचिव गल्ला मंडी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आढ़ती की इस दबंगई पर उसे नोटिस दे रहे हैं। अब क्या करें, हर जगह कुछ ऐसे लोग होते हैं।

किसानों से बदसलूकी करते हैं बिचौलिया :

गल्ला मंडी में व्यापारियों के दो गुट काम करते हैं। इसमें एक तो वह लोग हैं, जो कि वास्तव में व्यापार करते हैं। दूसरे वे हैं, जो कि बिचौलिया हैं। उनके पास मंडी का लाइसेंस है न ही वे कहीं लिखापढ़ी में हैं। ये लोग मौका देखकर खुद को किसान भी बताते हैं। इनके चंगुल में फंसने वाले किसानों को उनकी मर्जी की कीमत में गल्ला बेचने के साथ बदसलूकी का भी सामना करना पड़ता है। दरअसल, किसान मंडी में जहां भी अपने गल्ले का ढेर लगाते हैं, उस स्थल को बिचौलिये अपना बताकर उन्हें गल्ला बेचने के लिए मजबूर करने लगते हैं।

आढ़ती ने कहा कि हमारा है टिनशेड :

मंडी सचिव ने आढ़ती को अपने चेंबर में बुलाया। इस पर आढ़ती ने सचिव के सामने कहा कि टिनशेड हमारा है और उसके आगे परिसर भी हमारा है। यहां पर पुनीत ने अपना धान डाला है, जिसे वह हटाए और एक हजार रुपये दे।

..और झगड़ने लगा :

आढ़ती के साथ मौजूद बुजुर्ग ने पहले किसान पुनीत के धान को अपना गल्ला बताया। कहा कि हमें 1.90 लाख रुपये का कर्ज लौटाना है। उसे धान 1,325 रुपये के भाव में आढ़ती को ही बेचना है। नकद पैसे लेने हैं। इस बुजुर्ग बिचौलिये की बात सुनकर पुनीत ने कहा कि धान हमारा है, जिसे क्रय केंद्र बेचेगा। इस पर वह बुजुर्ग भी पुनीत से झगड़ने लगा। यह वाकया मंडी सहायक अनुराग गुप्ता के सामने पेश आया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.