स्वच्छ भारत अभियान: सीतापुर में फरमान शौचालय के प्रयोग की फोटो 27 तक डीपीआरओ को दो तभी वेतन
बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार ने कहा कि सभी शिक्षक, स्कूल स्टाफ, हेल्पर और चपरासियों से कहा है कि चाहे पुरुष हो या महिला, सभी को प्रतिदिन शौचालय के साथ फोटो जमा करानी होगी।
सीतापुर (जेएनएन)। स्वच्छता अभियान को लेकर बेहद गंभीर सीतापुर की जिलाधिकारी के एक निर्देश से जिले में खलबली मची है। जिलाधिकारी शीतल वर्मा के निर्देश पर सीतापुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने फरमान जारी किया है। उन्होंने पत्र जारी करके कहा है कि सरकारी विभाग में काम करने वाले हर व्यक्ति को प्रतिदिन शौचालय के इस्तेमाल करने का सबूत देना होगा। इसके लिए उनको शौचालय के साथ फोटो जमा करवाना होगा। सभी लोग 27 मई तक फोटो जमा करा दें, नहीं तो जून माह का वेतन नहीं मिलेगा।
सीतापुर में बीएसए के इस फरमान के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार ने कहा है कि जिले के सभी शिक्षक, स्कूल स्टाफ, हेल्पर और चपरासियों से कहा है कि चाहे पुरुष हो या महिला, सभी को प्रतिदिन शौचालय के साथ फोटो जमा करानी होगी। अगर 27 मई तक फोटो जमा नहीं कराई गई तो सैलरी रोक दी जाएगी। सबूत के तौर पर शौचालय के साथ अपनी तस्वीर दिखानी होगी।
सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया है कि रोजाना फोटो जमा कराना सुनिश्चित करवाएं। बीएसए के इस फरमान के बाद कर्मचारियों में खलबली मच गई है। फरमान में कहा गया है कि सरकारी विभाग में काम करने वाले हर व्यक्ति को प्रतिदिन शौचालय के इस्तेमाल करने का सबूत देना होगा। सबूत के तौर पर शौचालय के साथ अपनी तस्वीर दिखानी होगी।
डीएम शीतल वर्मा ने 23 मई की तारीख में जिले के 56 अफसरों को एक आदेश जारी कर कहा है कि अपने आवास के शौचालय के साथ स्वयं की फोटोग्राॅफ डीपीआरओ को 31 मई तक हर हाल में दें, तभी चालू माह का वेतन दिया जाएगा। व्यवस्था सभी 56 अधिकारियों के स्टॉफ के साथ ही चतुर्थ श्रेणी कर्मी तक के लिए डीएम ने अनिवार्य की है। डीएम के इस पत्र का वितरण विकास भवन के सभी कार्यालयों के साथ ही कलेक्ट्रेट, आबकारी अधिकारी, डीएफओ कार्यालय, रेशम विभाग सहित सभी निगमों में हुआ है। पत्र देखते ही अधिकारियों व उनके स्टॉफ के लोगों में हंसी छूट रही थी।
डीएम ने अपने इस पत्र में कहा है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र व राज्य सरकार ने दो अक्टूबर 2018 तक सभी ग्रामों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित करने का कार्यक्रम तय किया है। इसके तहत हर एक घर, परिवार में शौचालय का होना जरूरी है। इसे देखते हुए आप सभी (अधिकारी) से अनुरोध है कि अपने साथ ही साथ अधीनस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मी से लेकर प्रथम श्रेणी तक के सभी अधिकारी-कर्मचारियों के शौचालय के फोटोग्राॅफ उनकी मौजूदगी में खिंचवाते हुए डीपीआरओ को दें, तभी चालू माह का वेतन दिया जा सकेगा।
डीएम ने कहा कि ये फोटोग्रॉफ अधिकारी-कर्मचारी अपनी उपस्थिति में शौचालय के साथ खींचे, जिससे स्पष्ट हो सके कि जहां वह निवास कर रहे हैं उस घर में शौचालय प्रयोग में लाया जा रहा है। इस मामले को लेकर डीएम ने वरिष्ठ कोषाधिकारी को भी निर्देश दिए हैं कि संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों का फोटोग्रॉफ प्राप्त होने पर ही मई माह का वेतन आहरित करने की कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी तरफ डीपीआरओ तुलसीराम ने बताया कि डीएम के निर्देश पर संबंधित पत्र सभी संबंधित 56 अधिकारियों को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक जिले में 56 ग्रामों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, जबकि जिले में 1601 ग्राम पंचायतें हैं।
जब इस फरमान पर बवाल मचा तो जिलाधिकारी शीतल वर्मा ने सफाई में कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि ये पता चल सके कि फर्जी तौर पर टॉयलेट बनवाने का काम क्यों कर रहा है। टॉयलेट बनवाने के लिए लोग सरकारी सहायता मांग रहे हैं।