..मां तुझे सलाम
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महोली: यूं तो माताएं पुत्रों के लिए फिक्रमंद नजर आती हैं। लेकिन फौजियों की माताओं में कुछ अलग ही जज्बा देखने को मिल रहा है। बात भारत माता की है, तब माताएं अपेन बेटों से बदले की बात कह रही हैं। इन माताओं की बात सुनकर हर किसी का सिर श्रद्धाभाव से झुक जाता है। सोनारन टोला निवासी केसरी देवी कहती हैं, कि मुझे फक्र है कि मेरे चार बेटे फौज में हैं। हंसराम कश्मीर के पुलवामा में ही हवलदार है। मैं चाहती हूं कि सेना आतंकियों को मृत्युदंड दे। मेरा बेटा अपने साथियों की शहादत का बदला ले। दीक्षित टोला निवासी शाहजहां बेगम कहती हैं कि मेरा बेटा जीशान किन्नौर में सैनिक है। टीवी देखकर थोड़ी देर के लिए विचलित हुई। फिर सोचा कि एक बार तो सबको मरना है। वो 44 जवान भी किसी के बेटे थे। मुझे फक्र होगा कि मेरा बेटा दुश्मन से सामना करे और उनके छक्के छुड़ाए भगवती देवी कहती हैं कि सभी सैनिकों को बुलेटप्रूफ जैकेट और गाड़ियां दी जाएं । जब सैनिक सुरक्षित होगा तभी देश सुरक्षित होगा। मेरे दो पुत्र प्रफुल्ल व करुणा शंकर सेना में हैं। पिपरझला निवासी बिटोली देवी कहती हैं कि उनका बेटा गौरव मिश्रा फौज में है। 40 जवानों की शहादत ने झकझोकर कर रख दिया है। इस शहादत का ऐतिहासिक बदला लिया जाए। मीना शुक्ला कहती हैं की मेरा पुत्र हिमांशु फौज में है। अब सेना आर-पार का युद्ध कर और पाकिस्तान को उसकी औकात दिखानी चाहिए। कश्मीर से आतंकियों का सफाया किया जाना चाहिए।