हैंडपप उगल रहे वैक्टीरिया युक्त पानी
सीतापुर : नटवल ग्रंट में बुखार से अब तक आठ लोगों की मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने
सीतापुर : नटवल ग्रंट में बुखार से अब तक आठ लोगों की मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों का कारण गांव का दूषित जल बता रहा है। हालांकि अधिशासी अभियंता जल निगम का कहना है कि गांव के सभी हैंडपंप दूषित पानी नहीं दे रहे हैं, उन्होंने इसकी जांच कराई है। गांव के तालाब के पास लगे हैंडपंप का पानी वैक्टीरिया युक्त था, इस नल के संचालन को बंद कराया गया है।
गांव के प्रधान बालकराम ने बताया कि उनके गांव में कुल सात हैंडपंप हैं। इसमें प्राथमिक विद्यालय, प्रकाश व श्रवण के घर पास लगे कुल तीन हैंडपंप दूषित पानी दे रहे हैं। जल निगम अभियंता ने स्कूल परिसर व श्रवण के घर पास के हैंडपंपों को रिबोर किया था, लेकिन इसमें अभी भी दूषित पानी आ रहा है। प्रकाश के घर के सामने लगा हैंडपंप रिबोर भी नहीं कराया गया है। हैंडपंप खराब हैं और पानी वैक्टीरिया युक्त है, ये जानते हुए ग्रामीण इन हैंडपंपों से पानी पीने को विवश हैं। गांव में शुद्ध पेयजल की समस्या है। गांव में 60 घर हैं, इनमें सिर्फ 13 परिवारों के पास शौचालय हैं। गांव में लोग खुले में शौच जाते हैं। गांव में गंदगी भी कम नह ं है। शौचालय के मामले में प्रधान बालक राम का कहना है कि पात्रों के शौचालय बनाने को ब्लॉक में सूची दी है। प्रदूषण की वजह नाला भी
कादीपुर झाबर से नटवलग्रंट व जमुनापुर होकर कैलाशन तट गोमती नदी में गिरता है। ये नाला नटवलग्रंट गांव से सटा है, जो दक्षिण दिशा से होकर पूरब-पश्चिम की ओर निकलता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस नाले की वर्षों से सफाई न होने से भी प्रदूषण है। इस नाले पर पुलिया बनाने की पुरानी मांग है। ये नाला करीब 10 फिट गहरा और 10-15 फिट चौड़ा है। गांव वालों का कहना है कि नाले पर यदि पुलिया बने तो गांव के लोगों को राहत मिले। अधिक गहराई की वजह से मवेशी इस नाले को पार नहीं कर पाते हैं।