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जब पुस्तकें नहीं आईं, तो बच्चे कैसे करें पढ़ाई

बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में नहीं पहुंची पुस्तकें

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 12:34 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 12:34 AM (IST)
जब पुस्तकें नहीं आईं, तो बच्चे कैसे करें पढ़ाई
जब पुस्तकें नहीं आईं, तो बच्चे कैसे करें पढ़ाई

विनीत पांडेय, सीतापुर:

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केस 1- प्राथमिक विद्यालय मिश्रिख रूरल में कक्षा तीन की छात्रा रिहाना के पास अभी तक किताबें नहीं आईं हैं। ऐसे में पढ़ाई कर पाना मुश्किल है। उनके पास मोबाइल भी नहीं हैं, जिससे वह पढ़ाई कर सकें।

केस 2- कक्षा चार की छात्रा नाजिया के पास भी किताबें नहीं हैं। उनको पढ़ाई में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। नाजिया की पढ़ाई बाधित हो रही है।

शैक्षिक सत्र के चार माह बाद बच्चों तक किताबें नहीं पहुंची हैं। इस समय लगभग आधा कोर्स पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तो किताबों का इंतजार ही चल रहा है। ऐसे में जब तक किताबें आएंगी, वितरित होंगी तब तक तो और भी समय गुजर चुका होगा। कोरोना के कारण बच्चे घरों में हैं उनको आनलाइन पढ़ने के लिए कहा गया है। कुछ गांवों में मुहल्ला पाठशाला भी चल रही है, लेकिन वहां भी किताबों की कमी अखर रही है। ऐसे में उस आदेश पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिसमें शैक्षिक सत्र शुरू होते ही किताबें उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था।

शिक्षकों का कहना है

रवींद्र दीक्षित

ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं। ऐसे में आनलाइन पढ़ाई में भी मुश्किल है। अगर बच्चों के पास किताबें होती तो घर के बड़े पढ़ा सकते थे।

रवींद्र दीक्षित, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ

- संकेत वर्मा

पुस्तकों के बिना शिक्षा संभव ही नहीं है। बच्चे स्कूल में होते तो शिक्षक अपने अनुभव व पुरानी किताबों से ही पढ़ा सकते थे। कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं।

संकेत वर्मा, जिला मंत्री

प्राथमिक शिक्षक संघ

अभिभावकों का कहना है

हमारे पास मोबाइल नहीं है। किताबें होती तो बेटी घर पर ही पढ़ लेती। स्कूल में किताब पता किया तो जानकारी मिली अभी आई नहीं हैं। जब आ जाएंगी तो बताया जाएगा।

हसीना

किताब न होने से पढ़ाई बिल्कुल नहीं हो पा रही है। ऐसे में बिना किताब घर में पढ़ना मुश्किल हो रहा है। मोबाइल का इंतजाम न होने से पढ़ाई बाधित हो रही है।

परवीन

वर्जन

शिक्षकों से बच्चों को आनलाइन पढ़ाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा दूरदर्शन, रेडियो पर प्रसारित कार्यक्रमों के माध्यम से भी पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पुस्तकें आते ही वितरण करा दिया जाएगा।

अजीत कुमार, बीएसए


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