सीएचसी हरगांव में स्वास्थ्य सुविधाओं पर ताला
द्धश्रह्यश्चद्बह्लड्डद्य ष्द्धड्डद्मह्वश्चद्धश्रह्यश्चद्बह्लड्डद्य ष्द्धड्डद्मह्वश्चद्धश्रह्यश्चद्बह्लड्डद्य ष्द्धड्डद्मह्वश्चद्धश्रह्यश्चद्बह्लड्डद्य ष्द्धड्डद्मह्वश्च
हरगांव (सीतापुर) : सीतापुर-खीरी जैसे व्यस्त मार्ग पर जब कोई हादसा होता है तो सबसे पहले मरीज को सीएचसी लाया जाता है, लेकिन यहां स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे हैं। मरीज अस्पताल आते हैं तो डॉक्टरों के कक्ष में ताला लगा मिलता। कक्ष खुला है तो कुर्सियां खाली मिलेंगी। यही हाल पैथालाजी, एक्सरे कक्ष का भी रहता है। वैसे भी पर्याप्त सुविधाएं मिलने के इंतजाम नहीं हैं। ऊपर से जो नाम मात्र सुविधाएं हैं भी वह मिल नहीं पाती। ऐसे में मरीज निजी चिकित्सकों का सहारा लेते हैं या फिर सीतापुर, खीरी जाना उनकी मजबूरी है।
बुधवार सुबह 10 बजे सीएचसी में महिला चिकित्सक की कुर्सी खाली पड़ी थी। मरीज उनका इंतजार कर रही थी। 10:02 बजे पर्चा काउंटर में ताला लटका था। मरीज इस आस में खड़े थे कि कब ताला खुले और वह पंजीकरण कराएं। 10:08 बजे औषधि वितरण कक्ष भी बंद था। 10:10 बजे सीएचसी की ओपीडी में डॉक्टर की कुर्सी खाली थी। 10:12 बजे सीएचसी अधीक्षक का भी कक्ष बंद था, ताला लटक रहा था। 10:03 बजे डाट्स केंद्र भी बंद था। कुछ मरीज इंतजार में बैठे थे। 10:15 बजे एक्सरे कक्ष में भी ताला लटक रहा था। मरीजों ने बताया कि एक्सरे मशीन खराब है, बाहर से लिखा जाता है। 10:29 बजे पैथालॉजी कक्ष बंद था, कर्मचारी आए नहीं थे। अस्पताल में पर्याप्त जांच सुविधाएं नहीं हैं। अधिकांश जांच बाहर से लिखी जाती है। मरीज महंगी दर पर जांच कराने को विवश होते हैं। अस्पताल में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं मिली। मरीज रामशंकर ने बताया कि अस्पताल में प्राइवेट लोगों का हस्तक्षेप अधिक है। दवा वितरण से लेकर पैथालॉजी में यह लोग हर समय बैठे रहते हैं। महेश ने कहा चिकित्सक समय से बैठें तो मरीजों को दिक्कतें न हों। दयाराम ने कहा कि दवाएं भी पर्याप्त नहीं दी जाती। बाहर मेडिकल से ही लिखी जाती हैं। मैं सीतापुर बैठक में आया हूं। एक्सरे मशीन ठीक कराने के लिए अधिकारियों से कहा है। परिसर की सफाई कराएंगे। अनुपस्थिति में जो चिकित्सक, कर्मचारी गायब हैं उसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे।
डॉ. नितीश वर्मा, अधीक्षक सीएचसी